“हमें बाबरी गिराने का गर्व है. जहां कभी मस्जिद थी, वहां मंदिर निर्माण हो रहा है. इसका हमें गर्व है.”, यह कहना है विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया का. उन्होंने यह भी कहा है कि ‘राम मंदिर के आंदोलन में भाग लेने वाले और बाबरी मस्जिद गिराने की मुहिम का नेतृत्व करने वाले चार नेताओं को केंद्र में राम मंदिर के नाम पर सत्ता में आई सरकार भारत रत्न का सम्मान दे.’
प्रवीण तोगड़िया ने जिन चार नेताओं को ‘भारत रत्न’ सम्मान देने की मांग की है उनमें बालासाहब ठाकरे का नाम सबसे अहम है. बालासाहब ठाकरे के अलावा अशोक सिंघल, गोरख पीठाधीश्वर अवैद्यनाथजी, रामचंद्र परमहंस वे तीन नाम हैं, जिन्हें भारत रत्न दिए जाने की मांग की गई है.
6 दिसंबर को ही बाबरी मस्जिद गिराई गई थी
आज 6 दिसंबर है. आज ही के दिन 29 साल पहले बाबरी मस्जिद गिराई गई थी. इसी पृष्ठभूमि में नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में प्रवीण तोगड़िया ने यह कहा. प्रवीण तोगड़िया ने राम मंदिर आंदोलन के संदर्भ में कहा कि, ‘मेरा जब जन्म भी नहीं हुआ था तब से ही हिंदू समाज लड़ रहा था. शौर्य दिखा रहा था. संघर्ष कर रहा था. उनमें 6 दिसंबर का संघर्ष तीन बातों में अद्वितीय है. हमें बाबरी गिराने पर गर्व है. जहां कभी मस्जिद थी, वहां मंदिर निर्माण हो रहा है, इसका हमें गर्व है. इस काम के लिए मैंने अपनी उम्र के 32 साल, डॉक्टरी का पेशा और उससे कमाए गए करोड़ों रुपए कुर्बान कर दिए, इसका मुझे गर्व है. मेरी तरह लाखों कार्यकर्ता अपना करियर, अपनी कमाई छोड़ कर मंदिर बनाने के लिए आगे आए, इसका मुझे गर्व है.’
‘जिनकी वजह से बाबरी गिरी, मंदिर बननी शुरू हुई, उनमें पहला नाम बालासाहब ठाकरे’
आगे प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि,’ चार लोगों का नेतृत्व नहीं होता तो बाबरी नहीं गिराई जा पाती और मंदिर निर्माण शुरू नहीं हो पाता. इनमें पहला नाम शिवसेनाप्रमुख बालासाहब ठाकरे का है. दूसरा नाम है अशोक सिंघल, तीसरे हैं योगी आदित्यनाथ के गुरु गोरख पीठाधीश्वर अवैद्यनाथ जी और चौथे नंबर पर थे अयोध्या के रामचंद्र परमहंस.’
विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि, ‘इन चारों से मेरा खास नाता है.जब तक इन चारों को भारत रत्न नहीं मिल जाता तब तक मैं कहूंगा कि भारत सरकार ने राम मंदिर आंदोलन का सम्मान नहीं किया. इसलिए केंद्र सरकार इन चारों को भारत रत्न का सम्मान दे. जिस राम मंदिर के नाम पर यह केंद्र सरकार सत्ता में आई है, सत्ता में रहते हुए उसका कर्ज उतारे.’
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