Indonesia Volcano Eruption: इंडोनेशिया के सबसे घनी आबादी वाले द्वीप जावा में सबसे ऊंचा ज्वालामुखी शनिवार को फूट पड़ा, जिससे आसमान में राख का गुबार छा गया. साथ ही ज्वालामुखी से निकलने वाले गैस और लावा से आसपास रहने वाले लोगों में दहशत उत्पन्न हो गई. इसमें कम से कम 13 ग्रामीणों की मौत हो गई है. जबकि मलबे में दबे 10 लोगों को बाहर निकाला गया (Volcano Erupts). रविवार को एक बयान में, इंडोनेशिया की आपदा शमन एजेंसी (बीएनपीबी) के एक प्रवक्ता ने कहा कि विस्फोट से मारे गए 13 लोगों में से दो की पहचान कर ली गई है.
प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने कहा कि दो गर्भवती महिलाओं सहित कम से कम 98 लोग घायल हुए हैं, जबकि पूर्वी जावा प्रांत में सेमेरू के आसपास के गांवों से 902 लोगों को निकाला गया है (Volcano Eruption Update). बचाव दल अभी भी कुरा कोबोकन गांव में एक नदी के किनारे सात लोगों की खोज कर रहे थे और रेत खनिकों के भी लापता होने की सूचना है. भूगर्भीय सर्वेक्षण केंद्र के प्रमुख एको बुडी लेलोनो ने कहा कि कई दिनों तक गरज चमक के साथ बारिश होने से 3,676 मीटर (12,060 फुट) सेमेरु के ऊपर के लावा गुंबद को क्षति हुई और यह अंत में ढह गया.
नदी तक पहुंच गए गैस और लावा
उन्होंने कहा कि इसी के चलते ज्वालामुखी फूटा. ज्वालामुखी से निकलने वाली गैस और लावा का प्रवाह शनिवार को 800 मीटर दूर स्थित नदी तक गया (Indonesia Volcano Blast). एजेंसी ने कहा कि लोगों को ज्वालामुखी से 5 किलोमीटर दूर रहने की सलाह दी गई है. लुमाजांग जिला प्रमुख थोरिकुल हक ने बताया, ‘राख के घने गुब्बार से कई गांवों में अंधेरा छा गया है.’ उन्होंने कहा कि कई सौ लोगों को अस्थायी आश्रयस्थलों या अन्य सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया गया है. उन्होंने कहा कि अंधेरे के चलते लोगों को निकालने में बाधा उत्पन्न हुई है.
ज्वालामुखी विस्फोट के साथ बारिश हुई
हक ने कहा कि ज्वालामुखी के फटने के साथ ही गरज चमक के साथ बारिश हुई. इससे बहने वाले लावे और सुलगते मलबे से लुमाजांग और पड़ोसी जिले मलांग को जोड़ने वाले मुख्य पुल के साथ ही एक छोटा पुल भी क्षतिग्रसत हो गया. उप जिला प्रमुख इंदाह मसदर ने इससे पहले कहा था कि एक व्यक्ति की झुलसने से मौत हो गई जबकि 41 अन्य झुलस गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है (Volcano Eruption Death Toll). हालांकि बाद में मृतकों की संख्या बढ़कर 13 और घायलों की 98 हो गई. टेलीविजन खबरों में दिखाया गया है कि लोग एक विशाल राख के गुब्बार के नीचे दहशत में भाग रहे हैं. उनके चेहरे ज्वालामुखी की धूल और बारिश से भीगे हुए हैं. ये ज्वालामुखी पिछली बार जनवरी में फटा था, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ था.
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