GST on Petrol and Diesel- अगर जीएसटी दायरे में पेट्रोल-डीज़ल आ जाता है तो एक झटके में 20-25 रुपये प्रति लीटर तक इनकी कीमतें कम हो जाएंगी. हालांकि, इस पर राज्य और केंद्र सरकार में सहमति नहीं बन पा रही है. क्योंकि, राज्य सरकारों की कमाई का मुख्य जरिया पेट्रोल-डीज़ल पर लगने वाला टैक्स है.
अब खबर आ रही है कि एक जीएसटी काउंसिल ने एक बार फिर से इस मामले को टाल दिया है. काउंसिल का कहना है कि कोरोना अभी तक खत्म नहीं हुआ है. इसीलिए आने वाले दिनों में कमाई घटने की चिंता बनी हुई है.
क्या केंद्र सरकार को भी पेट्रोल के GST में आने से नुकसान होगा?
पिछले कुछ दिनों पहले आई SBI रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी के दायरे में आने के बाद पेट्रोल करीब 20-25 रुपये और डीजल करीब 20 रुपये तक सस्ता हो जाएगा.
ऐसा होते ही सबसे पहले राज्यों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा. अभी तक डीजल-पेट्रोल इसी वजह से जीएसटी के दायरे में नहीं आ पाया है, क्योंकि कोई भी राज्य अपना नुकसान नहीं कराना चाहता है.
राज्यों की अधिकतर आय डीजल-पेट्रोल पर लगाए जाने वाले टैक्स से ही होती है, इसलिए राज्य पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध कर रहे हैं. इससे केंद्र सरकार को भी करीब 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा, जो जीडीपी के 0.4 फीसदी के बराबर है.
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