बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय विस्तार में जुटी TMC, बदलेगा पार्टी का नाम और संविधान, ममता बनर्जी लेंगी फैसला..

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय विस्तार में जुटी तृणमूल कांग्रेस (TMC) पार्टी का नाम बदलने और पार्टी का संविधान बदलने की चर्चा तेज हो गई है. सोमवार को पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में यह मुद्दा उठाया और इस बाबत एक प्रस्ताव पेश कर पार्टी का क्या नाम होगा और इसकी घोषणा कब होगी. इस पर अंतिम फैसला लेने की जिम्मेदारी ममता बनर्जी पर सौंप दी गई हैं. अब ममता बनर्जी इस मसले पर अंतिम निर्णय लेंगी.

टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी के नाम बदलने पर पार्टी के अंदर चर्चा है. हालांकि अभी इस संबंध में कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. पार्टी के नाम के साथ ही पार्टी का संविधान भी बदलने की बात हो रही है. टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने स्वीकार किया कि पार्टी संविधान बदलने को लेकर कार्यसमिति की बैठक में प्रस्ताव पेश किया गया था. इस मसले पर अंतिम फैसला पार्टी सुप्रीमो ही लेगी.

राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार के लिए बदलेगा नाम और संविधान

टीएमसी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि टीएमसी का नाम और संविधान बदलने के कई कारण हैं. कहा जा रहा है कि टीएमसी राष्ट्रीय स्तर पर उतरना चाहती है. इसलिए पार्टी का नाम ऐसा होना चाहिये, जिसमें राष्ट्रीय स्वरूप झलकता हो. इसके साथ ही पार्टी का संविधान बदलने का कारण दूसरे राज्यों के लोगों को वर्किंग कमेटी के माध्यम से शामिल करना है. अभी टीएमसी वर्किंग कमेटी में सिर्फ बंगाल के नेता ही शामिल हैं. ऐसे में दूसरे राज्यों में विस्तार की कोशिश में जुटी टीएमसी की नजर दूसरे राज्यों पर भी है. अभी तक टीएमसी ने बंगाल के अलावा त्रिपुरा, मेघालय और गोवा में मजबूती से अपने पार्टी का विस्तार करने में लगी है.

पार्टी का नाम बदलने के लिए चुनाव आयोग की लेनी होगी अनुमति

दरअसल टीएमसी के राष्ट्रीय विस्तार के लिए टीएमसी पार्टी का नाम बदलने पर चर्चा है और पार्टी संविधान में बदलाव भी इसी उद्देश्य से किया जाएगा. चुनाव आयोग के पूर्व अधिकारी के मुताबिक कोई भी पार्टी अपना नाम बदल सकती है, लेकिन चुनाव आयोग की मंजूरी नए नाम के लिए लेनी पड़ती है. चुनाव आयोग के मापदंडों के मुताबिक टीएमसी को अभी भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल है, लेकिन टीएमसी का मूल आधार पश्चिम बंगाल ही रहा है. अब पार्टी देश में अपना विस्तार करना चाहती है इसलिए पार्टी संविधान में बदलाव करेगी और पार्टी के नाम बदलने पर भी विचार कर रही है. इस बदलाव का मकसद राष्ट्रीय स्तर पर तृणमूल कांग्रेस को न सिर्फ बंगाल की पार्टी के तौर पर बल्कि पूरे देशव्यापी पार्टी के तौर पर देखा जाना है