नई दिल्ली. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Coronavirus Omicron Variant) को लेकर जारी चिंताओं के बीच भारत में कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज को लेकर बनाई जा रही रणनीति अगले 2-3 हफ्ते में तैयार हो जाएगी. न्यूज18 को यह जानकारी मिली है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक एक एक्सपर्ट ग्रुप देश में वैक्सीन की तीसरे डोज पर नीति दस्तावेज तैयार करने पर काम कर रहा है.
क्या कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक की जरूरत है? या फिर स्वस्थ लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत होनी है, तीसरी खुराक कब देनी चाहिए? अगर इसे देना है तो किसे देना चाहिए? दूसरी और तीसरी खुराक के बीच कितना अंतर होना चाहिए? नीति बनाते समय इन सभी बातों पर विचार किया जा रहा है. News18 ने 18 नवंबर को विशेष रूप से यह बताया था कि भारत कोविड -19 वैक्सीन की तीसरी खुराक (Covid-19 Vaccine Third Dose) देने पर नीति बना सकता है.
किन लोगों को पहले दिया जा सकता है बूस्टर डोज?
सूत्रों के अनुसार, अतिरिक्त खुराक प्रतिरक्षा में अक्षम लोगों को दी जाती है, जबकि स्वस्थ लोगों को दूसरी खुराक लेने के कुछ महीनों के बाद बूस्टर शॉट (Booster Shot) दिया जाता है. जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कैंसर या ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसी बीमारियों के कारण खराब हो जाती है, उन्हें तय किए गए दो-डोज वैक्सीनेशन प्रोग्राम से सुरक्षित नहीं किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में, स्वस्थ आबादी से पहले ऐसे लोगों को तीसरी खुराक देना अहम हो जाता है.
यात्रा प्रतिबंध लगने के बावजूद, ऐसी चिंताएं हैं कि ओमिक्रॉन वेरिएंट पहले ही काफी ज्यादा फैल चुका है. जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization on Omicron) ने कहा है कि इसकी जांच करने में फिलहाल कुछ सप्ताह का समय लगेगा. संगठन ने यह भी कहा है कि ओमिक्रॉन एक “बहुत बड़ा” वैश्विक जोखिम है और देशों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए.
दुनिया भर में तेज हुआ बूस्टर वैक्सीनेशन प्रोग्राम
B.1.1.5529 या ओमिक्रॉन की चिंता के बीच, दुनिया के तमाम देशों ने अपने बूस्टर वैक्सीनेशन प्रोग्राम को तेज कर दिया है. यूके में सभी वयस्कों को तीसरी खुराक देने वाली एडवाइजरी बॉडी ने भी 12 से 15 साल की आयु के बच्चों को दूसरी खुराक देने की सिफारिश की है.
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