रायगढ़ 26 नवंबर (वेदांत समाचार)। गेरवानी स्थित मोबाइल दुकान का ताला तोड;कर मोबाइल चोरी करने वाले पांच आरोपित को पूंजीपथरा पुलिस ने अपने हत्थे चढ़ाया है। दुकान में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपितों में दो नाबालिग भी शामिल है ये स्थानीय प्लांट में रोजी मजदूरी का काम करते थे। इस पूरे प्रकरण का खुलासा नगर पुलिस अधीक्षक रायगढ़ योगेश कुमार पटेल (भापुसे) द्वारा अपने कार्यालय में किये है।
गौरतलब हो कि नगर पुलिस सरला विला के पीछे संजयनगर रायगढ; में रहने वाले अंकित अग्रवाल पिता बिजेन्द्र अग्रवाल उम्र 30 वर्ष द्वारा थाना पूंजीपथरा में 22 नवंबर को उसके गेरवानी स्थित अंकित सेलकाम मोबाईल दुकान में चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराया था । रिपोर्टकर्ता ने बताया था कि 21 नवंबर को उसके पिताजी बिजेन्द्र अग्रवाल दुकान आये थे और रात्रि करीब 08 बजे दुकान बंद कर घर आ गया था । दूसरे करीब 09 बजे दुकान खोलने गेरवानी गया तो देखा कि मोबाईल दुकान का सटर का साईड लाक और सटर में लगा 02 ताला वहीं टुटा पडा था । दुकान अंदर आकर देखा तो 15 नग मोबाईल चोरी कर ले गए थे।
चोरी की वारदात के बाद उधा अधिकारी को दिशा निर्देश पर पूंजीपथरा पुलिस मुखबिरो का जाल बिछाया था। वही सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए आरोपितों के कद काठी हुलिए के आधार पर खोजबीन भी चल रही थी। जहां मुखबिरो ने थाना प्रभारी पूंजीपथरा से स्थानीय प्लांट में काम करने वाले करन यादव, दुबे सिंह चौहान और अनिल विश्वकर्मा को चोरी में शामिल होने का संदेह व्यक्त किया जिस पर पुलिस की टीम संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया ।वहीं , करन कुमार यादव पिता शम्भू यादव 20 साल निवासी विजयनगर गेरवानी थाना पूंजीपथरा, दुबे सिंह चौहान पिता महेत्तर चौहान उम्र 26 साल निवासी हीरापुर थाना लैलूंगा,अनिल विश्वकर्मा पिता जहरू विश्वकर्मा उम्र 19 साल तिलडेगा थाना पत्थलगांव जिला जशपुर एवं अन्य दो विधि के साथ संघर्षरत बालक के साथ
मिलकर चोरी को अंजाम देना बताये जिनके निशानदेही पर चोरी की सारी सम्पत्ति 15 नग नये ओप्पो कम्पनी के विभिन्न माडल के मोबाइल कीमती 2,07,609 रूपये एवं लोहे का राड बरामद किया गया है । आरोपियों को थाना पूंजीपथरा के नकबजनी के अपराध में गिरफ्तार कर सक्षम न्यायालय रिमांड पर भेजा गया है । कार्यवाही में थाना प्रभारी पूंजीपथरा निरीक्षक कृष्णकांत सिंह के साथ सहायक उप निरीक्षक सेमसोन मिंज, आशिक रात्रे, प्रधान आरक्षक गौतम ठाकुर, आरक्षक बालचंद राव, धमेन्द्र सिंह, भगवती प्रसाद रत्नाकर, उद्घो पटेल, अनूप मिंज एवं विद्या सिदार की सराहनीय भूमिका रही है ।
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