राज्य महिला आयोग में चल रही सुनवाई, कई प्रकरणों पर अध्यक्ष ने फरियादियों को सुना

रायपुर 26 नवंबर (वेदांत समाचार)।  राज्य महिला आयोग में सुनवाई में एक प्रकरण में आवेदिका ने आयोग को बताया कि एक शिक्षक होने के साथ समाज का सचिव है और समाज के लोगों को डराकर अर्थदंड वसूलता है। इस प्रकरण में आवेदिका की भतीजी का विवाह जिस लड़के से हुआ था, वह शादी के तुरंत बाद अत्यधिक नशे की हालत में पागलों की तरह हरकत कर रहा था। इसके कारण आवेदिका की भतीजी ने ससुराल जाने से मना कर दिया। इसके कारण आवेदिकाओं से तीस हजार रुपये अर्थदंड की वसूली समाज के प्रमुखों ने की।

समाज प्रमुखों को संवेदनशीलता का परिचय देना था, लेकिन उस शराबी को पैसा दिलवाया और आवेदिकाओं से बात करने वाले गांव-समाज के लोगों पर 1500 रुपये का अर्थदंड लगाया, क्योंकि वे इन लोगों से बात करते थे और गांव वालों से भी 45 हजार वसूला है। इस प्रकार अनावेदकों ने अवैध रूप से सामाजिक दंड वसूला है, जिसकी देनदारी की जिम्मेदारी अनावेदकगणों ने की है। आयोग के समझाने पर समाज प्रमुखों ने आवेदिकागणों से आयोग के समक्ष माफी मांगा है और अर्थदंड की वापसी के लिए समय की मांग भी की है।

आगामी सुनवाई में अर्थदंड के साथ समाज प्रमुख को उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में समाज प्रमुखों ने 63,000 रुपये वापस करने की मंजूरी दी। सुनवाई में आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक समेत सदस्य डा. अनीता रावटे, नीता विश्वकर्मा उपस्थित रहीं। जनसुनवाई में 20 प्रकरण में 16 पक्षकार उपस्थित हुए तथा पांच प्रकरण नस्तीबद्ध किए गए। शेष अन्य प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया।

छात्रा पर इंटरनेट मीडिया में गलत टिप्पणी

एक अन्य प्रकरण में एक महाविद्यालय की छात्रा ने आयोग के समक्ष शिकायत में आवेदिका और अनावेदक एक दूसरे के खिलाफ गलत फहमी के कारण टीका टिप्पणी, मारपीट की घटना हुई है, जिससे आवेदिका को परेशानी हुई। चूंकि दोनों महाविद्यालय के छात्र हंै और पढ़ाई के अंतिम वर्ष में हंै। आयोग के समझाने पर दोनों पक्षों ने आयोग के समक्ष स्वीकार किया है कि भविष्य में किसी भी तरह से इंटरनेट मीडिया पर गलत टिप्पणी नहीं करेंगे। इस तरह प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।