राजस्थान 24 नवंबर (वेदांत समाचार)। बहन के बच्चों की शादियों में मामा की तरफ से भात देने का प्रचलन है. भात में मामा अपनी बहन के परिवार को तोहफे, कपड़े और जो भी उनसे बेहतर बनता है वो देते हैं. हाल ही में राजस्थान के नागौर जिले के देशवाल गांव में तीन मामाओं के द्वारा दिया गया भात यानि मायरा काफी सुर्खियों में छाया हुआ है. दरअसल नागौर के रहने वाले 3 भाई अपने भांजे की शादी के भात देने के लिए दो बोरे नोट लेकर पहुंचे. भाईयों का कहना है कि भांजे के मायरे के लिए पिछले ढाई साल से पैसा इकट्ठा कर रहे थे.
10-10 के नोटों से भरे बोरों को गिनने में 3 घंटे से ज्यादा का समय लगा. भाइयों ने मायरे में सवा छह लाख रुपए दिए हैं. दरअसल खेती किसानी से अपना जीवन यापन करने वाले जब तीन भाई अपने भांजे की शादी में बहन के ससुराल नोटों से भरे प्लास्टिक के 2 बोरे को लेकर पहुंचे. तो सब देखकर हैरान हो गए. जिसके बाद नाते-रिश्तेदारों और समाज के पांच-पटेलों की मौजूदगी में खेती-बाड़ी में काम में लिए जाने वाली टोकरी में नोटों को खाली कर मायरा भरा गया.
भाइयों ने दिया बहन को अनोखा भात
देशवाल गांव की निवासी सीपू देवी के बेटे हिम्मताराम की रविवार को शादी थी. इस शादी में सीपू देवी के 3 भाई मायरा लेकर आए. डेगाना निवासी रामनिवास जाट, कानाराम जाट और शैतानराम जाट ने अपनी बहन सीपू देवी के अनोखे अंदाज में भात भरा. तीनों भाई भात में भरी जाने वाली नगदी को प्लास्टिक के बोरे में भरकर लाए थे. इस नगदी को गिनने में लगभग 3 घंटों से ज्यादा का समय लग गया था.
नागौर का मायरा है बहुत प्रसिद्ध
राजस्थान में भाणजे या भाणजी की शादी में मामा अपनी बहन के मायरा भरते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. मुगल शासन के दौरान यहां के खिंयाला और जायल के जाटों द्वारा लिछमा गुजरी को अपनी बहन मानकर भरे गए मायरा को तो महिलाएं लोक गीतों में भी गाती हैं. इसलिये नागौर का मायरा काफी प्रसिद्ध है.
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