ढेलवाडीह की शासकीय भूमि में फिर फल-फूल रहा लाल ईंट का अवैध कारोबार, गौण खनिज का हो रहा दोहन

कोरबा 20 नवम्बर (वेदांत समाचार)। जिम्मेदार विभागों, अधिकारियों के संरक्षण की वजह से शहर से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर एसईसीएल की मानिकपुर खदान से लगे ग्राम ढेलवाडीह के जंगलों में गौण खनिज का दोहन कर बेख़ौफ अवैधानिक लाल ईंट का कारोबार एक बार फिर फल फूल रहा है । इस धंधे में लगे लोगों के अधिकारियों के संरक्षण की वजह से इस कदर हौसले बुलंद हैं कि बड़े पैमाने पर मानिकपुर खदान से चोरी का कोयला ईंट भट्टे में खपाया जा रहा है।कवरेज करने गए मीडिया कर्मियों को ईंट कारोबारी ट्रेक्टर मालिक फंसाने तक की धमकी दे रहे।

यहाँ बताना होगा कि जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर लगे ग्राम पंचायत ढेलवाडीह की नजूल एवं वन भूमि में जंगलों में बड़े पैमाने पर प्रतिबन्धित लाल ईंट का कारोबार पिछले कुछ वर्षों से चल रहा है ।कुम्हार जाति की आड़ में केवल अपनी आवश्यकताओं के लिए नहीं वरन व्यवसायिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लाखों नग ईंट तैयार किया जा रहा है। बकायदा इस कार्य के लिए बाहर से मजदूर भी 9 माह तक के लिए बुलाया गया है । गत वर्ष हल्का पटवारी ने कोरोनाकाल में कोविड पॉजिटिव होते हुए भी राजस्व विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी । जिसके आधार पर तत्कालीन नायब तहसीलदार एम एस राठिया ने टीम के साथ बेंदरकोना सहित ढेलवाडीह में छापामारी की थी । इस दौरान 27 लोगों से 45 लाख नग लाल ईंट छतीसगढ़ खनिज नियमावली 1996 के तहत प्रकरण दर्ज कर कर कोटवार के सुपुर्द कर दिया गया था । जिसमें ढेलवाडीह से सर्वाधिक 15 लाख नग लाल ईंट जब्त किया गया था।बरसात का सीजन जाने के बाद भवन निर्माण कार्यों में तेजी आते ही एक बार फिर यहां लाल ईंट का कारोबार शुरू हो गया है। वहीं लाखों नग के ईंट भट्ठे रचाए जा रहे। धड़ाधड़ ईंट बनाने का कार्य जारी है। हसदेव एक्सप्रेस न्यूज की टीम जब मौके पर पहुंची तो लाखों नग ईंट दर्जनों लोगों द्वारा तैयार किया जा रहा रहा था । साथ ही बेख़ौफ ईंट का परिवहन का कार्य भी जारी था।

अधिकारी दे रहे संरक्षण ,सबका बंधा है कमीशन !

शासकीय भूमि में लाल ईंट का कारोबार करने वालो लोगों को जिम्मेदार अधिकारी प्रश्रय दे रहे हैं। गत वर्ष मौके पर ही नजूल तहसीलदार का संरक्षण मिलने उनको ईंट पहुंचाने की बात कही जा रही रही थी । यहाँ तक कि वन विभाग ,कार्रवाई करने वाले राजस्व अधिकारियों ,खनिज ,पुलिस तक को मैनेज करने का दावा ईंट कारोबारी कर रहे थे। जिससे उन्हें न मीडिया का भय है न किसी जाँच की परवाह ।

मानिकपुर डंपिंग यार्ड से कर रहे कोयला चोरी कर ईंटभट्टों में खपा रहे

ईंट कारोबारी एसईसीएल की मानिकपुर डंपिंग यार्ड से कोयला चोरी कर ईंट भट्ठों में खपा रहे हैं।मानिकपुर खदान से लगे पोखरी के पास कई बोरी कोयला पड़ा मिला तो कई ले जाते मिले। यहाँ सबसे बड़े ईंट कारोबारी हैं।जिनके द्वारा प्रतिवर्ष 10 -10 लाख नग ईंट तैयार कर बेचा जाता है यही नहीं कवरेज करने गए मीडिया कर्मियों पर अपनी एकता व जाति का धौंस दिखाकर दबाव बनाया जाता है । अभी भी बड़े पैमाने पर ईंट बनवा रहे हैं।