बिलासपुर. बिलासपुर में GST कार्यालय में नौकरी लगाने का झांसा देकर रकम वसूली करने का मामला सामने आया है। दरअसल, विभाग के ही क्लर्क ने आधा दर्जन बेरोजगार युवती व युवकों से ढाई से साढ़े तीन लाख रुपए वसूल लिया और उन्हें फर्जी नियुक्ति आदेश थमा दिया। नौकरी मिलने की आस में बेरोजगार युवक-युवती जब GST ऑफिस पहुंचे, तब उन्हें पता चला कि आदेश फर्जी है। विभाग ने इस तरह का कोई विज्ञापन ही जारी नहीं किया है। अफसरों ने उन्हें थाने में शिकायत करने की नसीहत दी। शिकायत पर पुलिस ने क्लर्क के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर लिया है।
अमेरी के शांति नगर में रहने वाले आकाश गुप्ता निजी संस्थान में काम करता है। उसकी पहचान राज्य कर विभाग (GST) में काम करने वाले कोटा निवासी विवेक शुक्ला से हुई थी। जान पहचान का फायदा उठाते हुए विवेक ने कुछ माह पहले उसकी नौकरी लगवाने का झांसा दिया। इसके लिए उसने आकाश से तीन लाख 50 हजार रुपए की मांग की। इस पर आकाश ने विवेक को दो किश्त में रुपए दे दिए। इस दौरान क्लर्क विवेक शुक्ला उसे लेकर रायपुर GST कार्यालय भी लेकर गया, जहां उससे फॉर्म वगैरह जमा कराया गया। रुपए देने के बाद 29 अक्टूबर को उसने नियुक्ति आदेश दिया और बिलासपुर कार्यालय में जॉइन करने का कह दिया। इस तरह से क्लर्क ने अन्य बेरोजगार युवक-युवतियों से भी रुपए वसूली कर उन्हें नियुक्ति आदेश दिया था।
सभी बेरोजगार जब नियुक्ति पत्र लेकर 11 नवंबर को GST कार्यालय पहुंचे। तब आदेश को देखकर अधिकारी-कर्मचारी भी हैरान रह गए। क्योंकि, कार्यालय से न तो नियुक्ति के संबंध में विज्ञापन जारी हुआ है और न हीं नियुक्ति आदेश जारी किया गया है। अफसरों ने उन्हें बताया कि नियुक्ति पत्र फर्जी है। अफसरों ने उन्हें थाने में शिकायत करने की सलाह भी दी। इससे परेशान होकर उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने आरोपी क्लर्क विवेक शुक्ला के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
इन बेरोजगारों को बनाया ठगी का शिकार
आरोपी क्लर्क विवेक शुक्ला ने आकाश गुप्ता के साथ ही कोटा के पड़ावपारा में रहने वाले हरि शंकर से तीन लाख, शुभम तिवारी से तीन लाख 68 हजार, अनिल कौशिक तीन लाख 50 हजार निवासी रमतला, मीनाक्षी तिवारी से दो लाख 50 हजार और मणि शंकर तिवारी से तीन लाख रुपए लिए हैं। रुपए के एवज में उन्हें भी फर्जी नियुक्ति आदेश पकड़ा दिया है।
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