भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारियों और कर्मचारियों ने वेतन संशोधन में देरी के विरोध में 30 नवंबर को सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाने की चेतावनी दी है. केंद्रीय बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों के यूनाइटेड फोरम ने गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) को भी पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.
फोरम ने एक बयान में कहा, पिछले चार साल या उससे अधिक समय से लंबित कर्मचारियों के वेतन संशोधन जैसे अत्यधिक संवेदनशील मामले पर केंद्रीय बैंक की मनमानी का कड़ा विरोध करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. संगठन ने कहा कि मौजूदा वेतन समझौते के तहत आने वाले सभी कर्मचारी 30 नवंबर को सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाएंगे.
फोरम में चार यूनियन हैं शामिल
फोरम में चार यूनियन शामिल हैं – अखिल भारतीय रिजर्व बैंक कर्मचारी संघ (AIRBEA), अखिल भारतीय रिजर्व बैंक श्रमिक संघ (AIRBWF), भारतीय रिजर्व बैंक अधिकारी संघ (RBIOA) और अखिल भारतीय रिजर्व बैंक अधिकारी संघ (AIRBOA).
गवर्नर को लिखी चिट्ठी में फोरम ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बैंक के कर्मचारियों के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले बैंक और मान्यता प्राप्त संघों/महासंघ की वेतन वार्ता जुलाई 2021 के मध्य में शुरू हुई, लेकिन प्रगति धीमी रही है. पत्र में फोरम की ओर से यह भी कहा गया- हालांकि, 27 सितंबर 2021 को अस्पष्ट कारणों से बातचीत की प्रक्रिया अचानक रुक गई। मुंबई में तब डेरा डाले AIRBEA प्रतिनिधियों को वापस जाने के लिए कहा गया और एआईआरबीडब्ल्यूएफ के प्रतिनिधि जो बैंक के आह्वान पर मुंबई जा रहे थे, उनकी यात्रा समाप्त करने की सलाह दी गई.
पत्र के मुताबिक, RBIOA, AIRBOA और एआईआरबीओए को आगे नहीं बुलाया गया. आगे इसमें कहा गया- तब से लेकर अब तक डेढ़ महीने से अधिक समय बीत चुका है। बैंक के कर्मचारी तड़प-तड़प कर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. नवंबर 2017 से निपटान होने के बाद से चार लंबे साल बीत चुके हैं. इसमें कहा गया है कि बैंक में सभी संवर्गों के कर्मचारियों के लिए बातचीत की प्रक्रिया को एक या दो महीने पहले अंतिम रूप दिया जा सकता था.
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