जम्मू-कश्मीर 16 नवंबर (वेदांत समाचार)। श्रीनगर में मंगलवार को सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है. मारे गए आतंकियों में हैदर नाम का एक विदेशी आतंकवादी भी ढेर हुआ है. साथ ही इस मुठभेड़ में आतंकियों की मदद करने वाले दो सहयोगियों की भी मौत हो गई है. मारे गए सहयोगियों की पहचान अल्ताफ और मुदासिर गुल के रूप में हुई है. मुठभेड़ के बाद पुलिस ने मौके से दो पिस्टल, 6 मोबाइल फोन और एक कंप्यूटर बरामद किया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने बताया कि सोमवार शाम श्रीनगर के हैदरपोरा मुठभेड़ में एक विदेशी आतंकवादी, उसके स्थानीय सहयोगी, एक डॉक्टर (मुदासिर गुल) और एक घर के मालिक (अल्ताफ) को मार गिराया गया है. उन्होंने कहा कि घर का मालिक क्रॉस फायरिंग में मारा गया है. जबकि चौथा व्यक्ति एक ओजीडब्ल्यू (मुदासिर) था जिसने हैदर को ‘आतंकवादी ठिकाने’ के रूप में उपयोग करने के लिए अपना घर किराए पर दे रखा था.
आतंकियों ने की अंधाधुंध गोलीबारी
आईजीपी कश्मीर ने बताया कि सोमवार की शाम पुलिस को हैदरपोरा में राष्ट्रीय राजमार्ग के पास आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी, तभी आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी. इस दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की.
उन्होंने कहा, ‘हमने मारे गए लोगों की पहचान के लिए बनिहाल के एक परिवार को बुलाया है.’ आईजीपी ने कहा, घर के मालिक अल्ताफ अहमद की मौत आतंकियों की गोली से हुई या सुरक्षाबलों की गोली से, इसकी जानकारी जांच के बाद ही दी जा सकेगी. आतंकियों की पिस्टल रिकवर हो गई है, जिससे इसका पता लगाने में दिक्कत नहीं होगी.
मुदासिर ने अपने घर में आतंकियों को रखा
आतंकियों को पनाह देने वाले डॉ. मुदासिर के बारे में जानकारी देते हुए आईजीपी ने कहा कि मुदासिर ने दोनों आतंकियों को रहने के लिए अपना घर दिया था, साथ ही उसने हैदर को हमले की जगह से बाहर निकलने में भी मदद की थी. इसी दौरान एक पुलिसकर्मी घायल हुआ था. यही नहीं, मुदासिर दक्षिण और उत्तरी कश्मीर से आतंकवादियों को लाने में भी शामिल था.
उन्होंने बताया कि मुदासिर एक कॉल सेंटर भी चला रहा था. इस तरह, वह एक ओजीडब्ल्यू था और सीधे तौर पर आतंकवादियों को पनाह देने में शामिल था. उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था न बिगड़े, इसके मद्देनजर अल्ताफ अहमद के शव को अंतिम संस्कार के लिए परिवार को नहीं सौंपे गए. उन्होंने कहा कि किराए पर कमरा या घर देने से पहले, मालिकों को पुलिस से संपर्क करना चाहिए.
जांच के लिए एसआईटी गठित
आईजी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. ये एसआईटी पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी. उन्होंने कहा, ‘एक डीआईजी की अध्यक्षता में एसआईटी आतंकियों के हाई-टेक ठिकाने और उनके तौर-तरीकों की जांच करेगी. यह टीम इस बात की भी जानकारी लेगी कि क्या आतंकवादी किसी दूसरे देश के संपर्क में थे. टीम उन घटनाओं के क्रम को भी देखेगी जिनके कारण इमारत के मालिक और आतंकवादी सहयोगी की हत्या हुई.’
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