शासकीय महाविद्यालय करतला में हिंदी साहित्य परिषद द्वारा महाकवि कालिदास एवं संत नामदेव जी की जयंती पर संगोष्ठी

कोरबा,15 नवम्बर (वेदांत समाचार)। शासकीय महाविद्यालय करतला में हिंदी साहित्य परिषद द्वारा महाकवि कालिदास एवं संत नामदेव जी की जयंती पर संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संगोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. प्रभाकर दर्शन, सहायक प्राध्यापक हिंदी रहे। उन्होंने कहा कि महाकवि कालिदास भारतीय साहित्य के अनमोल रत्न है। उनके बिना भारतीय साहित्य और उसकी रचना धर्मिता की बात पूरी नहीं हो सकती । संस्कृत साहित्य को महाकवि ने विश्व विख्यात कर दिया । दो महाकाव्य रघुवंश एवं कुमारसंभव तथा 3 नाटकों एवं 2 खंड काव्य की रचना करके कालिदास विश्व साहित्य में अमर हो गए । अभिज्ञान शाकुंतलम् नाटक का विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।


इसी प्रकार भक्ति साहित्य के शिरोमणि संत नामदेव पर प्रकाश डालते हुए डॉ. प्रभाकर दर्शन ने कहा कि संत कबीर से 130 वर्ष पूर्व संत नामदेव का अवतरण हुआ था । संत ज्ञानेश्वर उनके गुरु थे। संत नामदेव ने पूरे भारत में घूम घूमकर भक्ति का प्रचार प्रसार किया। सिक्खों के आदिग्रंथ में संत नामदेव की बहुत सी वाणियां संकलित है।


कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य वक्ता का स्वागत किया गया । कार्यक्रम का संचालन गणित विषय के प्राध्यापक शुभम ढोरिया ने किया एवं आभार प्रदर्शन प्रभाशंकर यादव ने किया । कार्यक्रम में मुख्य रुप से रमेश यादव, नूतन पाल कुर्रे, छबिलाल श्रीवास एवं शिल्पी राठिया ने भी अपनी सहभागिता दी। कार्यक्रम में छात्र छात्राओं में शिवकुमारी, वंदना, पद्मनी, सिमरन राजपूत, रत्ना महंत, उमेश्वरि आदि उपस्थित रहें।

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