सलमान खुर्शीद की नई किताब पर थम नहीं रहा विवाद, प्रकाशन और बिक्री पर रोक लगाने की मांग

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) की नई किताब को लेकर विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. उनकी नई किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ को बाजार में आने से रोकने को लेकर मामला कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया और प्रकाशन तथा बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई है.

हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में एक मुकदमा दायर कर पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद द्वारा लिखित पुस्तक ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ के प्रकाशन, बिक्री, प्रसार और वितरण को रोकने के लिए निषेधाज्ञा की मांग की गई है.

‘धार्मिक भावनाओं को भी किया आहत’

विष्णु गुप्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वादी पुस्तक के एक अंश को पढ़कर चौंक गया, यह आरोप लगाते हुए कि यह न केवल हिंदू भावनाओं को भड़काने वाला है, बल्कि बड़ी संख्या में हिंदू धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाओं को भी आहत करता है.

इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद अपनी किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ को लेकर लगातार विवादों में घिरे हुए हैं. उन्होंने अपनी नई किताब में हिंदुत्व की तुलना आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लाम से की है, जिसको लेकर हर ओर आलोचना की जा रही है. हालांकि पूरे विवाद पर सलमान खर्शीद की ओर से अब अपनी सफाई भी दी गई है.

सलमान खुर्शीद ने अपनी सफाई में कहा, ‘मैंने हिंदुत्व को कभी आतंकी संगठन नहीं कहा. इस किताब को लिखने के लिए मैंने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का इंतजार किया.’ खुर्शीद ने आगे यह भी कहा, ‘मैंने इस किताब में लिखा है कि जो लोग हिंदू धर्म का गलत इस्तेमाल करते हैं, वो लोग ISIS और बोको हरम के समर्थक होते हैं. मेरी किताब में कहीं भी आतंकी शब्द नहीं है.’

किताब में हिंदुत्व की भी तारीफ: सलमान खुर्शीद

विवाद बढ़ने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘मैंने अपनी किताब में हिंदुत्व की भी तारीफ की है. इस पर जोर भी दिया है कि इसे आगे बढ़ाना चाहिए.’ अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सलमान खुर्शीद की किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन आवर टाइम्स’ का विमोचन पिछले दिनों बुधवार को किया गया था. लेकिन विमोचन के साथ ही किताब लगातार विवादों में घिरी हुई है.

भारतीय जनता पार्टी की ओर से खुर्शीद पर लगातार निशाना साधा जा रहा है. खुद उनकी ही पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी खुर्शीद की टिप्पणी का विरोध करते हुए कहा कि उनकी बात तथ्यात्मक रूप से गलत और अतिशयोक्ति है.