आखिर रेलवे ट्रैक TWS क्यों लगा रही है भारतीय रेल, यहां जानें क्या होंगे इसके फायदे

उत्तर पश्चिम 09 नवंबर (वेदांत समाचार)। विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारतीय रेल अपने यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है. यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं देने के लिए भारतीय रेल लगातार विश्व स्तरीय तकनीक का इस्तेमाल भी कर रहा है. इसी सिलसिले में उत्तर पश्चिम रेलवे, रेल सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ रेलवे ट्रैक को मजबूती प्रदान करने और ट्रैक की स्पीड बढ़ाने के कामों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने पर जोर दे रहा है.

उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेलवे ट्रैक को स्थिरता प्रदान करने के काम में लिए जाने वाले कंक्रीट स्लीपरों को रेल पटरी के साथ मजबूती प्रदान करने के लिए थिक वेब स्विच (TWS) का उपयोग किया जा रहा है. इसके माध्यम से ट्रैक पर अधिक स्पीड के साथ ट्रेनों का संचालन किया जा सकता है.

कंक्रीट स्लीपरों पर आसानी से इंस्टॉल किए जा सकते हैं TWS

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार भारतीय रेलवे पर सभी रूट तथा व्यस्त मार्गो पर थिक वेब स्विच (TWS) का उपयोग करने का निर्णय किया गया है. थिक वेब स्विच (TWS) को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह कंक्रीट स्लीपरों पर आसानी से इंस्टॉल किए जा सकते हैं.

थिक वेब स्विच (TWS) रेल लाइन की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ उसकी लाइफ को भी बढ़ाने में पूरा सहयोगा करेगा तथा कंपन की भी कम करता है, जोकि अधिक स्पीड के रेल संचालन में आवश्यक होता है. थिक वेब स्विच (TWS) लगाने का उद्देश्य ट्रेनों की 130 किमी प्रति घंटे की गति प्राप्त करना है जिसे भविष्य में 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया जा सकता है.

भविष्य में लूप लाइन में भी बढ़ाई जाएगी ट्रेन की स्पीड

इसके साथ ही भविष्य में लूप लाइन में भी ट्रेनों की गति 30 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे हो सकती है. ट्रेनों की गति बढ़ाने के साथ-साथ रेलवे ने थिक वेब स्विच की मदद से तकनीक के माध्यम से ट्रेन के सफर को आरामदायक बनाने की दिशा में कदम उठाये गये है.

इस वित्तीय वर्ष में उत्तर पश्चिम रेलवे पर 219 थिक वेब स्विच (TWS) लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक चिन्हित मार्गों पर 88 थिक वेब स्विच (TWS) स्थापित किये जा चुके हैं.