एशिया के सबसे बड़े नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का शिलान्यास 25 नवंबर को होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जेवर में 29500 करोड़ रुपये की परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सहमति जता दी है। जल्द ही कार्यक्रम का अधिकारिक पत्र जारी कर दिया जाएगा। जिला प्रशासन व प्राधिकरण कार्यक्रम के भव्य आयोजन की तैयारी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की बड़ी योजनाओं में शुमार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल में बनने वाले एयरपोर्ट का निर्माण स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी कर रही है। एयरपोर्ट के पहले चरण में 1334 हेक्टेयर में कार्य होगा। पहले चरण की शुरुआत एक रनवे के साथ होगी। निर्माण कंपनी को भूमि सौंप दी गई है।
कंपनी ने एयरपोर्ट की भूमि पर समतलीकरण और चहारदिवारी का काम शुरू कर दिया है। पहले चरण के लिए जिला प्रशासन ने छह गांवों की जमीन अधिगृहीत की है। इसमें रन्हेरा, रोही, पारोही, दयानतपुर, किशोरपुर और बनवारीवास गांव शामिल हैं। जमीन अधिग्रहण नए कानून के तहत किया गया है।
पहले चरण में 3003 परिवारों का विस्थापन
एयरपोर्ट परियोजना के विस्थापित परिवारों को जेवर बांगर में बसाया गया है। परियोजना के पहले चरण में 3003 परिवार प्रभावित हुए हैं। इन सभी परिवारों को जेवर बांगर में भूखंड दिए गए हैं। किसानों ने यहां पर निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। जेवर बांगर में शहर जैसी सारी सुविधाएं दी गई हैं। शासन के निर्देश पर यमुना प्राधिकरण ने इस टाउनशिप को विकसित किया है।
शिलान्यास तिथि घोषित होने पर चढ़ेगा सियासी पारा
2022 की शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव होने से सभी पार्टियां केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरने में लगी हैं। पार्टियां महंगाई व किसानों के मुआवजे आदि मामले उठा रही हैं। वहीं, भाजपा नोएडा एयरपोर्ट के जरिये विधानसभा चुनावों से पहले बढ़त बनाने की तैयारी में है। भाजपा व्यापार के साथ बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार दिलाने का सपना पूरा करने की बात कह रही है।
उद्योगों और व्यापार को होगा फायदा
एयरपोर्ट बनने से जिले सहित पूरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के व्यापार और उद्योगों को फायदा मिलेगा। लॉजिस्टिक सुविधा भी मिलने से उद्योगों को पंख लगेंगे। वहीं, बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
एयरपोर्ट से 5.50 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
नोएडा एयरपोर्ट से गौतमबुद्ध नगर ही नहीं, पूरे पश्चिमी यूपी के व्यापार और उद्योगों को उड़ान मिलेगी। साथ ही, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 5.50 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। वहीं, एयरपोर्ट के लिए देश में सबसे बेहतरीन ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी होगी। इसमें मेट्रो, पॉड टैक्सी के अलावा कई राज्यों को जोड़ने वाली बुलेट ट्रेन से यात्रा की राह आसान होगी।
एयरपोर्ट से दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के लोगों को भी बेहतर आवागमन का फायदा मिलेगा। पहले चरण की शुरुआत एक रनवे से होगी। निर्माण कंपनी को भूमि सौंप दी गई है। कंपनी ने एयरपोर्ट की भूमि पर समतलीकरण और चहारदिवारी का काम शुरू कर दिया है। पहले चरण के लिए जिला प्रशासन ने छह गांवों की जमीन अधिगृहीत की है।
इसमें रन्हेरा, रोही, पारोही, दयानतपुर, किशोरपुर और बनवारीवास गांव शामिल हैं। जमीन अधिग्रहण नए कानून के तहत किया गया है। पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र में एयरपोर्ट बनने से जेवर, रबूपुरा, दनकौर, बुलंदशहर आदि शहरों में यमुना सिटी का विस्तार होगा। होटल, रेस्तरां, व्यापार, निर्माण क्षेत्र समेत अन्य उद्योग शुरू होने से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
दूसरे चरण में एयरपोर्ट परिचालन के साथ-साथ कार्गो की सुविधा मिलने से उद्योगों को सामान के आयात-निर्यात में फायदा मिलेगा। कनेक्टिविटी के लिए ग्रेनो के नॉलेज पार्क-2 स्टेशन से एयरपोर्ट तक मेट्रो दौड़ाने की योजना है। पॉड टैक्सी की सुविधा एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक मिलेगी। इसके अलावा बुलेट ट्रेन का दिल्ली के बाद दूसरा स्टेशन नोएडा एयरपोर्ट होगा।
पूरी योजना में छह रनवे बनेंग
परियोजना में छह रनवे बनेंगे। इसमें चार यात्रियों के लिए होंगे। इसके अलावा दोनों तरफ एक-एक रनवे कार्गो के लिए होगा। यहां बड़े विमान उतर सकेंगे। इसके अलावा सामान उतारने में भी आसानी होगी।
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