भगवान श्रीराम में आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं को लेकर रामायण एक्सप्रेस एक बार फिर यात्रा पर निकल गई है। दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रविवार को यह ट्रेन 156 यात्रियों को लेकर रवाना हुई। आईआरसीटीसी ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘देखो अपना देश’ पहल के तहत डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन चलाई है।
यह विशेष ट्रेन पर्यटकों को प्रभु श्रीराम से जुड़े सभी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों का भ्रमण और दर्शन कराएगी। सोमवार को यह ट्रेन अयोध्या पहुंचेगी जहां से रामायण यात्रा शुरू होगी। अयोध्या से यात्री सड़क मार्ग से नंदीग्राम, जनकपुर, सीतामढ़ी के रास्ते नेपाल जाएंगे। इसके बाद फिर ट्रेन से यात्रा कर दक्षिण भारत में श्रीराम से जुड़े स्थलों का दर्शन करने के लिए रवाना होंगे। पहली बार आधुनिक सुविधाओं के साथ तैयार एसी पर्यटक ट्रेन इस धार्मिक यात्रा के लिए चलाई जा रही है।
राम धुन पर थिरके यात्री
ट्रेन रवानगी के पहले प्रभु राम के गाने के धुन पर यात्री जमकर थरकते दिखें। रेलवे की तरफ जहां विशेष कीर्तन गायक को बुलाया गया था तो वहीं, रामलीला की तरह ही कलाकारों को रामायण के मुख्य किरदारों की वेशभूषा पहनाकर बैठाया गया था। स्टेशन का दृश्य पूरी तरह भक्तिमय था। संगीतमय कार्यक्रम के बाद यात्रियों को तिलक लगा कर मंगल यात्रा के लिए रवाना किया गया। इसके अलावा स्टेशन परिसर के प्रवेश द्वार को मंदिर की तरह सजाया गया था। साथ ही एक सेल्फी प्वाइंट भी बना था। सभी यात्रियों को फूल का माला पहना कर प्रवेश दिया गया। पूरा स्टेशन परिसर ही भक्ति भाव में लिप्त दिखा तो भक्ति भाव में यात्री। जय श्रीराम के उद्घोष के साथ ट्रेन रवाना की गई।
पंच सितारा होटल से कम नहीं है ट्रेन का कोच
रामायण एक्सप्रेस को खासतौर से डिजाइन किया गया है। एसी कोच वाली ट्रेन में साइड वाले बर्थ को हटा कर यहां आरामदायक कुर्सी-टेबल लगाए गए हैं ताकि यात्री सफर का आनंद बैठ कर भी ले सके। इसमें होटल की तरह यात्रियों को किट मिलेगी। अलग से शौचालय का भी निर्माण किया गया है। जिसमें नहाने का विशेष प्रबंध है। ट्रेन में दो डाइनिंग कोच तैयार किए गए हैं जहां गर्मागर्म और मनपसंद खाना यात्रियों को दिया जाएगा।
यात्रा का पहला पड़ा अयोध्या में
रामायण एक्सप्रेस यात्रा का पहला पड़ाव प्रभु श्रीराम का जन्म स्थान अयोध्या होगा। जहां श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री हनुमान मंदिर और नंदीग्राम में भरत मंदिर का दर्शन यात्रियों को कराया जाएगा। इसके बाद यात्रियों को सीतामढ़ी ले जाया जाएगा। जहां जानकी जन्म स्थान और नेपाल के जनकपुर स्थित राम जानकी मंदिर का दर्शन यात्री करेंगे। नेपाल से लौटने के बाद ट्रेन का अगला पड़ाव भगवान शिव की नगरी काशी होगा। जहां से पर्यटक बसों के जरिये काशी के प्रसिद्ध मंदिरों सहित सीता समाहित स्थल, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट जाएंगे।
चित्रकूट से यह ट्रेन नासिक पहुंचेगी, जहां पंचवटी और त्रयंबकेश्वर मंदिर का भ्रमण कराया जाएगा। नासिक से किष्किंधा नगरी हंपी, जहां अंजनी पर्वत स्थित श्री हनुमान जन्म स्थल और का दर्शन कराया जाएगा। इस ट्रेन का अंतिम पड़ाव रामेश्वरम होगा। धनुषकोटी के दर्शन होंगे। रामेश्वरम से चलकर यह ट्रेन 17वें दिन 7500 किलोमीटर सड़क व रेल मार्ग का सफर तय कर वापस लौटेगी।
क्या है इस ट्रेन की खासियत
आधुनिक किचन कार के अलावा फुट मसाजर, मिनी लाइब्रेरी की सुविधा है। सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड, इलेक्ट्रॉनिक लॉकर और सीसीटीवी कैमरे से लैस प्रत्येक कोच को किया गया है। यात्रियों के लिए टूरिस्ट गाइड की भी सुविधा है। कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान विशेष रूप से रखा जाएगा। मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर समेत सुरक्षा किट मिलेंगे। कर्मचारियों व यात्रियों की सेहत जांच भी होगी
12 दिसंबर को चलेगी दूसरी रामायण एक्सप्रेस
यात्रियों की मांग को देखते हुए आईआरसीटीसी ने दूसरी रामायण एक्सप्रेस भी चलाने का निर्णय लिया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार 12 दिसंबर को दूसरी ट्रेन रवाना होगी। आईआरसीटीसी की वेबसाइट https://www.irctctourism.com पर ऑनलाइन बुकिंग यात्री करा सकेंगे। बुकिंग की सुविधा आधिकारिक वेबसाइट पर, पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर उपलब्ध है। मोबाइल नंबर 8287930202, 8287930299, 8287930157 पर भी इस ट्रेन से संबंधित जानकारी यात्री ले सकेंगे। एसी फर्स्ट में यात्रा के लिए 1,02,095 प्रति व्यक्ति व एसी द्वितीय श्रेणी से यात्रा के लिए 82,950 रुपये लगेंगे। 18 साल से अधिक यात्रियों के लिए कोविड का दोनों टीका आवश्यक होगा।
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