कोरोना वायरस (Coronavirus) का संकट बढ़ता जा रहा है और पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामले कई गुना (Coronavirus Cases) तक बढ़ गए हैं. लेकिन, राहत की खबर ये भी है कि अभी ज्यादा संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत नहीं पड़ रही है और लोग होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं. सलाह ये है कि अगर होम आइसोलेशन में भी आप अपना या किसी रिलेटिव का इलाज करवा रहे हैं तो डॉक्टर (Doctor Tips For Corona Treatment) की सलाह पर ही दवाइयां लेनी चाहिए. साथ ही इस बार डॉक्टर्स का दवाइयां देने का पैटर्न भी अलग है और दूसरी लहर की तरह लोगों को ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा है.
ऐसे में सवाल है कि इस बार होम आइसोलेशन में किस तरह मरीजों का इलाज किया जा रहा है और कैसे दवाइयां अलग तरीके से दी जा रही है. तो जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब और जानते हैं कि पैरासिटामोल के इस्तेमाल को लेकर डॉक्टर्स का क्या कहना है. आप भी डॉक्टर्स की सलाह के हिसाब से अपना इलाज करवाएं और जल्द ही स्वस्थ हों.
दवाइयों को लेकर क्या हो प्रोटोकॉल्स?
मौजूदा स्थिति में कोरोना के इलाज को लेकर एम्स के डॉक्टर ने बताया है, ‘धीरे-धीरे पिछले 2 सालों में हम इस बीमारी के बारे में बहुत कुछ जान पाए हैं और ऐसे बहुत सारे इलाज हैं जो शुरू हुए थे, फिर धीरे धीरे हमें पता चला कि उनकी जरूरत नहीं है. तो आज ओमिक्रॉन के साथ जो इंफेक्शन हो रहा है, इसमें जो लोग होम आइसोलेशन में हैं, उनको बुखार बढ़े तो पानी से सिंकाई कर लें और सिंपटोमैटिक इलाज करें.’
साथ ही डॉक्टर त्रिखा ने बताया, ‘पिछली लहर के दौरान जो विटामिन सी, जिंक और ऐसी बहुत सारी दवाइयां खा रहे थे और इतनी तादाद से खा रहे थे कि ये दवाइयां बाजार में मिलनी मुश्किल हो गई थीं, अब इन दवाइयों की सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार जरुरत नहीं है जब तक कि किसी और वजह से न खानी पड़ें. अगर पैरासिटामोल लेने के बाद भी बुखार ठीक नहीं होता है, 3-4 दिन हो गए हैं तो अपने डॉक्टर से बात कीजिए, अगर सांस लेने में तकलीफ हो या आपका सैचुरेशन लेवल गिरे तब आप डॉक्टर से बात कीजिए या अस्पताल जाइए.
मरीजों में किस तरह के हैं लक्षण?
डॉक्टर का कहना है, ‘जो कॉमन लक्षण के साथ पेशेंट्स आ रहे हैं वो फ्लू जैसे लक्षण के साथ आ रहे हैं, जैसे गले में खराश, थोड़ा शरीर में दर्द है, थोड़ा सा बुखार है, बिल्कुल फ्लू वाले लक्षण के साथ लोग आ रहे हैं. फिर दूसरे ऐसे लोग आ रहे हैं, जिन्हें और कोई बीमारी थी, जैसे कैंसर, गुर्दे की बीमारी, जिन्हें डायलिसिस की जरूरत है. तो हमारे अस्पताल में वो लोग भर्ती हो रहे हैं, ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जिन्हें और बीमारियां हैं.’
उन्होंने बताया, ‘जो आईसीयू में हैं, जो वेंटिलेटर में हैं, उन्हें बहुत ही मुश्किल बीमारियां हैं, जैसे कोई लाइलाज कैंसर है, गुर्दे की बीमारी में दोनों किडनियां खराब हो गई हैं. बाकी लोग जो वार्ड में है वो स्टेबल हैं, किसी का बुखार नहीं जा रहा, किसी का बदन दर्द इतना है कि उसे इंजेक्शन की जरूरत है और कुछ लोग ऐसे जो घर में आइसोलेट नहीं कर पाते हैं.
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