रायपुर 08 नवंबर (वेदांत समाचार)। इस साल 2021 में 25 जुलाई को सावन महीना शुरू होने के साथ ही चातुर्मास की शुरुआत हुई थी। विवाह समेत सभी तरह के शुभ संस्कारों पर रोक लगी हुई थी। अब लगभग चार महीने बाद 15 नवंबर को तुलसी विवाह रचाने के साथ ही विवाह मुहूर्त शुरू हो जाएंगे। इसी दिन भगवान विष्णु के जागने की परंपरा निभाई जाएगी, जिसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है।ज्योतिषाचार्य पंडित विनित शर्मा के अनुसार हिन्दू पंचांग के आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर देवशयनी एकादशी की परंपरा निभाई गई थी । भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करने चले गए थे। भगवान देवशयनी एकादशी से विश्राम कर रहे हैं।इसके चलते सभी तरह के शुभ संस्कारों पर रोक लगी हुई है। अब अगले सप्ताह 15 नवंबर को पड़ रही देवउठनी एकादशी से भगवान विष्णु पुन: जागेंगे। उनके जागते ही उनके एक रूप सालिगराम का विवाह वृंदा यानि मां तुलसी का विवाह घर घर में कराया जाएगा। इसके बाद ही परिवार में युवक युवतियों का विवाह संस्कार शुरू किया जाएगा।
इस साल डेढ़ महीनों में 15 शुभ मुहूर्त
साल 2021 के बचे डेढ़ महीनों में कुल 15 शुभ मुहूर्त विवाह के लिए हैं। पिछले साल और इस साल कोरोना महामारी के चलते कई परिवारों में शादियां टाल दी गई थी। अब तुलसी पूजा के बाद उन परिवारों ने तारीखें तय कर दी है।माह मुहूर्त
नवंबर 19, 20, 21, 26, 27, 28, 29 व 30
दिसंबर 1, 2, 5, 7, 11, 12 व 13
16 दिसंबर को खरमास से फिर मुहूर्त नहीं
16 दिसंबर को अशुभ माना जाने वाला खरमास शुरू हो रहा है। इस दिन से पुनः शुभ संस्कारों पर रोक लग जाएगी। अगले साल 2022 की 15 जनवरी के बाद मलमास खत्म होने पर ही मुहूर्त शुरू होंगे।
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