हाईकोर्ट ने नियुक्ति पर लगाई रोक, राज्य शासन और विमानन सचिव को जारी किया नोटिस

बिलासपुर 31 अक्टूबर (वेदांत समाचार) राज्य में पायलट नियुक्ति का मामला न्यायालयीन विवादों में फंस गया है। इसके चलते नई भर्ती प्रक्रिया अधर में लटक गई है। दरअसल, हाल ही में पायलट की भर्ती में मेरिट में दूसरे नंबर पर रहे स्थानीय पायलट की वेटिंग लिस्ट को निरस्त कर दिया गया है। इसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पायलट की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य शासन के विमानन सचिव व एविएशन डायरेक्टर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

युगल रात्रे दिल्ली में स्पाइस जेट विमान कंपनी में सीनियर पायलट हैं। उन्होंने अपने अधिवक्ता नीरज प्रधान के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि राज्य शासन के विमानन सचिव ने 14 जुलाई 2021 को राज्य शासन के हवाई जहाज को उड़ाने के लिए पायलट की नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र मंगाया था। इसके लिए याचिकाकर्ता रात्रे सहित चार पायलटों ने आवेदनपत्र जमा किया था। इसके बाद अगस्त में साक्षात्कार हुआ, तब सुनियोजित तरीके से हरियाणा के निवासी कैप्टन एन बामल को पहले नंबर पर रखा गया। लेकिन, साक्षात्कार के दौरान ही अंदरूनी रूप से एन बामल ने स्पष्ट कर दिया था कि छत्तीसगढ़ में कम वेतन है। जिसके कारण वह जॉइन नहीं करेंगे।

फिर भी प्रक्रिया के तहत चयन समिति ने मेरिट सूची में एन बामल को रखा। इसमें दूसरे नंबर पर युगल रात्रे रहे। सितंबर में राज्य शासन ने कैप्टन बामल को नियुक्ति आदेश भी जारी किया। तब कुछ ही दिन में उन्होंने मेल के माध्यम से यहां पायलट की नौकरी ठुकरा दी। पायलट नियुक्ति के लिए जारी प्रतीक्षा सूची के अनुसार अब युगल रात्रे की नियुक्ति होनी थी।

लेकिन, उन्हें नियुक्ति देने के बजाय वेटिंग लिस्ट को ही निरस्त कर दिया गया। साथ ही 21 सितंबर को दोबारा नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर प्रक्रिया शुरू कर दी। रात्रे ने अपनी याचिका में वेटिंग लिस्ट निरस्त करने के साथ ही नई भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी है। इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय के अग्रवाल ने अंतरिम राहत देते हुए आगामी सुनवाई तक वेटिंग लिस्ट निरस्त करने व नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने मामले में राज्य शासन के विमानन सचिव, एविएशन डायरेक्टर सहित अन्य को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

जांजगीर-चांपा के हैं याचिकाकर्ता कैप्टन
दरअसल, याचिकाकर्ता कैप्टन युगल रात्रे मूलत: छत्तीसगढ़ के हैं। वे जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा के खोंड के रहने वाले हैं। वर्तमान में दिल्ली में जेट स्पाइस में पायलट हैं और बोइंग 220 विमान उड़ाते हैं। अनुभवी व योग्य होने के बाद भी उन्हें डोमिसाइल का मार्क्स नहीं दिया जाएगा कहकर भर्ती से वंचित कर दिया गया।

बाहरी अफसर नहीं चाहते स्थानीय की हो नियुक्ति
बताया जा रहा है कि राज्य शासन के विमानन विभाग के अफसर बाहरी हैं। जो स्थानीय पायलट की नियुक्ति करने के पक्ष में नहीं है। यही वजह है कि कैप्टन युगल रात्रे को जानबुझकर सुनियोजित तरीके से नियुक्ति नहीं दी गई।

20 साल में पहली बार मिले हैं स्थानीय पायलट
जानकारों का कहना है कि राज्य बनने के बाद 20साल में पहली बार कोई सीनियर पायलट है, जो छत्तीसगढ़ से हैं और यहां आवेदनपत्र जमा किया है। इससे पहले तक यहां अब तक 18 पायलट नौकरी छोड़ कर जा चुके हैं। इससे शासन को भारी नुकसान भी हुआ है। कैप्टन रात्रे को 7 हजार 72 घंटे उड़ान का अनुभव है। जबकि, पूर्व में नियुक्त कैप्टन एन बामल को 3 हजार 529 घंटे का अनुभव था। इसके बाद भी उनकी नियुक्ति नहीं की गई। यही वजह है कि नियुक्ति में भेदभाव करने के आरोप भी लगे थे।