रायपुर 23 अक्टूबर (वेदांत समाचार) छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के तत्वाधान में ‘‘मीटिंग कम-इंट्रेक्शन एंड वर्कशाप ऑन ज्वाइंट साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन’’ कार्यक्रम का आयोजन पुलिस महानिदेशक सभागार, पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर में किया गया। इस मीटिंग में गृह मंत्रालय, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा तथा छत्तीसगढ़ राज्य के अधिकारीगण, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, अन्य सभी बैंक्स तथा टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के नोडल अधिकारीगण सम्मिलित होकर ‘‘ज्वाइंट साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन टीम’’ (जेसीसीटी) के माध्यम से अपने एक्सपर्टीज, अनुभव तथा चुनौतियॉं साझा किये।
गौरतलब है कि देश में बढ़ते साइबर क्राइम की रोकथाम, अपराध के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही तथा विभिन्न राज्यों के मध्य आपसी समन्वय स्थापित कर एवं एकीकृत प्रणाली के रूप में कार्य करने के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में इंटिग्रेटेड साइबर कोर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) का गठन कर पूरे देश को 7 ‘‘रीजिनल साइबर क्राइम कोर्डिनेशन टीम’’ में विभाजित किया गया। छत्तीसगढ़ जेसीसीटी-प्प् का हिस्सा है। इस टीम में मीटिंग में शामिल उक्त सभी 6 राज्य सम्मिलित हैं।
आज के इस कार्यशाला का शुभारंभ विशेष पुलिस महानिदेशक आर.के. विज, विशेष पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा तथा केन्द्रीय गृह मंत्रालय से उप सचिव दीपक विरमानी के गरिमामय उपस्थिति में किया गया। अपने स्वागत उद्बोधन में अशोक जुनेजा के द्वारा वर्तमान में मोबाइल डिवाइस तथा इंटरनेट प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकता तथा उस पर निर्भरता के बारे में उल्लेख करते हुये देश में बढ़ते साइबर क्राइम परिदृश्य के बारे में बताया गया। इनके द्वारा भविष्य में साइबर क्राइम के चुनौतियों को विभिन्न राज्यों के द्वारा आपसी सहयोग एवं समन्वय से हल करने को कहा गया। अपने संबोधन में आर.के. विज द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में साइबर का जिलेवार सेटअप प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा तकनीकी पहलुओं को विस्तार से बताया गया। श्री विज के द्वारा वर्तमान में साइबर अपराध के विवेचना के दौरान आने वाली कठिनाईयों तथा चुनौतियों से अवगत कराया गया। वर्तमान परिदृश्य में बढ़ते साइबर अपराध पर नियंत्रण हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गठित आई4सी के माध्यम से समन्वय स्थापित कर साइबर अपराध के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही के बारे में कहा।
श्री विज के द्वारा चाईल्ड पोर्नोग्राफी के बारे में विस्तार से बताया गया तथा इस दिशा में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा उठाये गये कदम के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने वर्तमान में साइबर अपराध से संबंधित कानूनों की कमियों को दूर कर उसे अधिक प्रभावी व सक्षम करने पर जोर दिया।
कार्यशाला में सम्मिलित गृह मंत्रालय, नई दिल्ली के अधिकारीगण के द्वारा केन्द्रीय स्तर पर साइबर अपराध से निपटने हेतु गठित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र’’ (आई4सी) तथा उसके अन्य सात घटकों के कार्यो के बारे में विस्तार से बताया गया, जिसमें साइबर क्राइम पोर्टल, नेशनल साइबर क्राइम फॉरेंसिक लैब के साथ-साथ गृह मंत्रालय द्वारा साइबर जागरूकता की दिशा में उठाये गये कदम के बारे में पावरपाइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से बताया गया। साइबर अपराधियों के द्वारा इस्तेमाल किये गये मोबाईल नंबर, बैंक अकाण्ट के आधार पर एक राज्य में किये गये अपराध को विभिन्न राज्यों से इन्टरलिंक कर समस्त राज्यों में ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने पर बल दिया गया। मीटिंग में सम्मिलित अन्य 6 राज्यों के द्वारा अपने-अपने राज्यों में साइबर क्राइम से संबंधित केस स्टडी, अपराधियों द्वारा प्रयुक्त ‘मॉडस आप्रेंडई’ विवेचना में बरती गई बेस्ट प्रेक्टिसेस, प्राप्त मुख्य सफलताओं तथा विवेचना के दौरान आने वाले मुख्य चुनौतियों को इस मंच में में साझा किया गया।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में उपस्थित हुये रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, बैंक्स व टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ पुलिस को साइबर संबंधित अत्यावश्यक जानकारी प्राप्त करने में व समय पर उक्त के द्वारा त्वरित कार्यवाही करने असमन्वय तथा उससे प्राप्त चुनौतियों का इस खुला मंच में विस्तृत विचार विमर्श किया गया। चर्चा के दौरान उपस्थित वरिष्ठ अधिकारीगण द्वारा इन्हें उक्त समस्याओं को दूर करने हेतु निर्देशित भी किया गया। इस प्रकार ‘‘क्षेत्रीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र’’ के इस मीटिंग में सभी स्टेकहोल्डर्स के द्वारा इस खुले मंच में अपने विचार, समस्या तथा अनुभव साझा कर भविष्य में साइबर अपराध की दिशा में संयुक्त प्रयास कर प्रभावी कार्यवाही करने हेतु एक रोडमैप तैयार करने की तैयारी की गई।
उक्त कार्यक्रम में आर.के. विज, विशेष पुलिस महानिदेशक, अशोक जुनेजा, विशेष पुलिस महानिदेशक, हिमांशु गुप्ता ए.डी.जी., मनीष शर्मा सहायक पुलिस महानिरीक्षक, कवि गुप्ता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, दिनेश कुमार सिन्हा उ.पु.अ. तथा गृह मंत्रालय से आये दीपक विरमानी, उप सचिव, हिमांशु पाण्डेय, डी.जी.एम., जितेन्दर सिंह, ए.सी.पी. उत्तरप्रदेश पुलिस, राम कुमार, ए.डी.जी. साइबर, प्रो. त्रिवेणी सिंह, एस.पी. साइबर क्राइम, बिहार पुलिस से विशाल शर्मा, कमाण्डेंट, सुनील कुमार, उप पुलिस अधीक्षक, ई.ओ.डब्ल्यू, झारखण्ड पुलिस से अरविन्द कुमार बीन्हा, उ.पु.अ. सी.आई.डी., सुमीत प्रसाद, उ.पु.अ., कोलकाता पुलिस से नुरूल अब्सार, ओडिशा पुलिस से अमितेन्द्र नाथ सिन्हा आई.जी. व पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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