⭕ विद्यार्थियों ने प्रेरक स्लोगन लिखकर एवं पोस्टर बनाकर दिया विश्व को शांति का संदेश ।
⭕ इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी संस्था के बहनों द्वारा विद्यार्थियों एवं स्टॉफ को दिया शांति का संदेश, बताया जीवन में शांति का महत्व ।
⭕ हम केवल अपने लिए ही नहींए बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में ही विश्वास रखते हैं-डॉ. संजय गुप्ता
कोरबा,20 सितम्बर (वेदांत समाचार)। विश्व शांति दिवस या अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस पूरे विश्व पर शांति और अहिंसा स्थापित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 21 सितंबर को मनाया जाता है । शांति का संदेश कोने-कोने में पहुँचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने कला, साहित्य, सिनेमा, संगीत और खेल जगत की विश्वविख्यात हस्तियों को शांतिदूत भी नियुक्त कर रखा है ।
हर व्यक्ति चाहता है कि उसके जीवन में शान्ति रहे और वह शांति पूर्वक अपना जीवन व्यतीत करे । पर आज के समय में ये बिल्कुल असंभव सा हो गया है क्योंकि आज के समय में लोग एक-दूसरे से छोटी-छोटी बातों से नाराज हो जाते हैं और एक-दूसरे को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करते हैं । इसी बात को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व शांति दिवस को मनाना शुरू किया गया । इस दिन लोगों को शांति और भाईचारे के साथ रहने की सलाह दी जाती है । इस दिन सफेद कबूतरों को उड़ाने की प्रथा है क्योंकि सफेद कबूतर शांति का प्रतीक माना जाता है ।
विश्व शांति दिवस की शुरूआत सन् 1982 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी और इसे सितंबर महीने के तीसरे मंगलवार को मनाया जाता था पर इसकी एक तिथि निश्चित नहीं थी । कुछ समय बाद इसमें सुधार लिया गया और 2001 के बाद 21 सितंबर को पूरा विश्व एक साथ विश्व शांति दिवस मनाता आ रहा है । आज के समय में हम देखते हैं कि देश की सीमाओं पर जगह-जगह हमले होते रहते हैं और हमेशा युध्द के हालात बने रहते हैं जिसकी वजह से बहुत से देशों को आर्थिक हानि झेलना पड़ता है और इनकी वजह से मानव जाति का भी बहुत विनाश हुआ है । भविष्य में ऐसा विनाश नहीं हो इस बात को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1982 में एक शिखर सम्मेलन को बुलाया गया और उसमें शांति दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा गया और तब से आज तक विश्व शांति दिवस मनाया जाता है । इस दिन को भाईचारे और शांति का प्रतीक माना जाता है ।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में विश्व शांति दिवस के पावन अवसर पर विद्यार्थियों के लिए परिचर्चा का आयोजन किया गया । खास बात यह थी कि इस परिचर्चा में प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की भाई-बहनों ने अपने ज्ञान व अनुभवों की रश्मियों से विद्यार्थियों के जीवन के जीवन को आलोकित करने का प्रयास किया एवं शांति के महत्व को बताया गया एवं योग (मेडिटेशन) के द्वारा शांति का अनुभव कराने का भी प्रयास किया गया । बी.के. कुसुम दीदी ने विद्यार्थियों को मन की अलग-अलग अवस्थाओं से अवगत कराते हुए शांति का महत्व समझाया । कुसुम बहन ने कहा कि किसी भी स्थिति या परिस्थितिवश हम शीघ्र ही अशांत हो जाते हैं क्योंकि परिस्थितियाँ हमें नियंत्रित करती है न कि हम परिस्थितियों को । हमें स्वयं को अंदर से स्ट्रांग बनाना है और नियमित योगाभ्यास या मेडिटेशन से हम अंदर से स्ट्रांग होते हैं । योग से जहाँ हममें आत्मविश्वास का संचार होता है वहीं हमारे जीवन में सद्गुणों का भी विकास होता है और सबसे महत्वपूर्ण बात यही है कि यदि सद्वृत्तियाँ और सद्गुण है तो शांति तो जीवन में होंगी ही । हमें प्रत्येक परिस्थिति में तनाव मुक्त रहकर अचल व अडोल रहना चाहिए । एक परमात्मा को स्मरण करते हुए अपने सभी कार्य करने चाहिए । हमें परस्पर प्रेम और सद्भाव से रहना चाहिए जिससे स्वतः ही हमारे जीवन में शांति का समावेश हो जाता है । इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों ने भी एक से बढ़कर एक स्लोगन लिखकर एवं आकर्षक पोस्टर बनाकर विश्व शांति का सेंदश दिया । विद्यार्थियों के द्वारा बनाए गए पोस्टर में विश्व शंति की अनुपम परिकल्पना झलक रही थी । साथ ही विभिन्न स्लोगनों के माध्यम से विद्यार्थियों ने परिवार, समाज, देश व विश्व में शांति की आवश्यकता पर गंभीतर से प्रकाश डाला ।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने विद्यार्थियों एवं अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरे विश्व को शांति की आवश्यकता है । आज हमारी जीवनशैली ही तनावग्रस्त हो गई है इस परिस्थिति में हमारे मन का मजबूत व संयमित होना अतिआवश्यक है । हम भले ही विज्ञान के युग में जी रहे हैं लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि भले ही विज्ञान ने हमारी जीवनशैली को सुख-सुविधा से संपन्न व आरामदायक बनाया है लेकिन हमारे जीवन में शांति का समावेश तो आध्यात्मिकता से ही होगा । क्योंकि शांति का स्थ्ज्ञान सुख व संपन्नता से कहीं ऊपर है । आज मन में घर में और समूचे विश्व में शांति की आवश्यकता है । हम मानव हैं और हमें ईश्वर ने शांत स्वरूप ही बनाया है । शांति ही हमारा स्वधर्म व संस्कार है । हम स्वयं अंदर से शांत रहें और अपनी शांति की वायब्रेशन से पूरे विश्व में शांति फैलाएँ । हम म्यूजिक, डाँस व आर्ट के द्वारा भी विश्व में शांति का संदेश दे सकते हैं । विश्व शांति दिवस का उद्देश्य देशों और लोगों के भीतर शांति के आदर्शों को मजबूत करना है और साथ ही शांति के आदर्शों को और ज्यादा मजबूत करने के लिए विश्व को समर्पित करना है । इस साल विश्व शांति दिवस का थीम-रिकव्हरिंग बेटर फॉर एन इक्वेटेबल एण्ड सस्टेनेबल वर्ल्ड रखा गया है । पिछले साल 2020 की थीम-शेपिंग पीस टुगेदर थी एवं 2019 की थीम-क्लाइमेट एक्शन फॉर पीस थी । डॉ. संजय गुप्ता ने गौतम बुध्द की पंक्तियों से विद्यार्थियों को प्रेरित करने का प्रयास किया कि शांति भीतर से आती है इसकी तलाश बाहर मत करो ।
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