भारत का गौरव अपने पारंपरिक ज्ञान में, दूसरों की नकल करने की जरूरत नहीं : मोहन भागवत

नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि भारत का गौरव इसके अपने पारंपरिक ज्ञान में है और इसे दूसरे देशों की नकल करने की जरूरत नहीं है। भारत वैभव शीर्षक वाली नेशनल बुक ट्रस्ट की पुस्तक के विमोचन के मौके पर उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत का गौरव इसका पारंपरिक ज्ञान है। भारत अपनी ज्ञान परंपरा को पूरी दुनिया के साथ साझा करने के लिए पैदा हुआ था।

भारत के बारे में ज्ञान के अथाह सागर का सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद और व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए। इस विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, `मुझसे अक्सर यह पूछा जाता है कि हम चीन या अमेरिका या रूस की तरह क्यों नहीं कर सकते। मैं कहूंगा कि हमें किसी और देश की नकल क्यों करनी है, हमें उनकी तरह क्यों करना है, हमें अपने तरीके से काम करना चाहिए।`इस मौके पर केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का मनोबल और आत्मविश्वास उसकी संस्कृति की मदद से ही जागृत होता है।

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