कोरबा : लॉकडाउन में पहले 4 महीने जीरो यूनिट का बिजली बिल भेजा, अब रीडिंग कर एकमुश्त बिल भेजने से उपभोक्ता हलाकान,छूट का लाभ भी नहीं मिल रहा

कोरबा। कोरबा जिले में विद्युत वितरण व्यवस्था को लेकर मनमानी चरम पर है तो दूसरी तरफ उपभोक्ताओं को मनमर्जी बिल थमाया जा रहा है। लॉकडाउन की मार झेल रहे उपभोक्ताओं ने चार महीने तक बिजली के बिल जमा तो किए, किन्तु अब 5 माह का एकमुश्त बिल थमाए जाने से परेशानी बढ़ गई है।

दुर्भाग्यजनक यह है कि लॉकडाउन के समय फ़रवरी, मार्च, अप्रैल और मई माह का जो बिल शून्य यूनिट का उपभोक्ताओं को राशि भुगतान हेतु जारी किया गया, उसकी अदायगी होने के बावजूद अब 5 माह का एकमुश्त बिल दिया जा रहा है। इस बिल में पुराने भुगतान का समायोजन भी नहीं किया जा रहा है। बिल पहुंचाने वाले कर्मचारी इसमें सुधार से हाथ खड़े कर रहे हैं तो दूसरी तरफ विभागीय अधिकारी भी अपेक्षित ध्यान नहीं दे रहे हैं। विद्युत विभाग की इस लापरवाही और मनमानी के कारण पिछले 4 माह का 400 यूनिट में 50 फ़ीसदी छूट की योजना का भी लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा है।

बता दे कि 4 महीने तक जिन सजग उपभोक्ताओं ने अपने बिल का भुगतान किया, उन्हें फिर से उन्हीं महीनों का एकमुश्त बिल हजारों रुपए की राशि में दिया जा रहा है। यह किसी एक उपभोक्ता के साथ नहीं बल्कि सभी उपभोक्ताओं के साथ हो रहा है। जो उपभोक्ता विद्युत विभाग की इस मनमानी को सजग होकर पकड़ ले रहे हैं, वे तो शिकायत कर सुधार भी करवा लेंगे, लेकिन अनेक निम्न और मध्यमवर्गीय तथा विद्युत विभाग की कारगुजारियों से अंजान उपभोक्ता आर्थिक दोहन का शिकार होंगे। इस मामले में विद्युत विभाग के शीर्ष अधिकारियों को काफी गंभीरता और संजीदगी के साथ कार्य करते हुए लॉकडाउन की अवधि में जारी जीरो यूनिट के बिलों की जमा राशि का समायोजन कराएं तथा पिछले 4 माह के दौरान हर महीने 400 यूनिट में 50 फ़ीसदी छूट की सुविधा प्रदान करें ताकि उपभोक्ताओं पर आर्थिक भार न पड़े और उन्हें संगठनों की मदद से आंदोलन का रास्ता अख्तियार न करना पड़े। यदि बिजली विभाग के लिए रीडिंग लेना मुश्किल हो रहा है तो हर महीने खपत का एवरेज बिल भेजें, लेकिन बिजली बिल अनाप-शनाप भेजकर उपभोक्ताओं पर अनावश्यक दबाव डालने की कार्यशैली कतई उचित नहीं।

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