कलेक्टर साहब..! आप बिलासपुर जिले के लिए रोल मॉडल हैं…! मास्क तो पहन लिया कीजिए

0 ऐसे दौर में…आपको या आपकी फोटो को बिना मास्क के देखने पर…अच्छा नहीं लगता

बिलासपुर 3 जुलाई (वेदांत समाचार) बिलासपुर जिले की पुलिस कल 2 जुलाई शुक्रवार से पूरे जिले में “मेरा मास्क-मेरी जिम्मेदारी” अभियान चला रही है। सामाजिक संगठनों के सहयोग से बिलासपुर शहर के सभी लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करने के लिए शहर के सभी चौक चौराहों पर लोगों को रोक रोक कर मास्क पहनने के लिए कह रही है। पुलिस प्रशासन की ओर से उसके जवानों द्वारा सामाजिक संगठनों के नव युवकों और युवतियों के साथ शहर के हर चौक चौराहे में राहगीरों को मास्क वितरित भी किया जा रहा है। बिलासपुर के अलावा जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में भी पुलिस के अधिकारी कर्मचारी सामाजिक संगठनों की मदद से यह अभियान चला रहे हैं। यह लगभग साबित हो चुका है कि कोविड-19 के संक्रमण और उससे बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग तथा मास्क के अलावा कोई और उपाय नहीं है। ऐसे में बिलासपुर पुलिस के द्वारा चलाया जा रहे, *मेरा मास्क मेरी जिम्मेदारी *अभियान की जितनी तारीफ की जाए कम है। और इस अभियान को लेकर आज शनिवार को बिलासपुर शहर के अखबारों तथा इसके 1 दिन पूर्व सोशल मीडिया में बिलासपुर कलेक्टर श्री सारांश मित्तर की एक तस्वीर प्रकाशित, प्रसारित हुई है। इसमें बिलासपुर कलेक्टर बिना मास्क के दिखाई दे रहे हैं। एनटीपीसी के द्वारा बिलासपुर में कोविड 19 से निपटने के उपायों में मदद स्वरूप अपनी ओर से कल 40 लाख रुपए का चेक जिला कलेक्टर श्री सारांश मित्र को उनके कार्यालय में सौंपा गया। यह चेक स्वीकार करते समय की जो तस्वीर जिला जनसंपर्क कार्यालय से प्रसारित हुई है। उसमें चेक सौंपने वाले एनटीपीसी के अधिकारी तो मास्क पहने हुए हैं, लेकिन बिलासपुर कलेक्टर बिना मास्क के चेक स्वीकार करते हुए दिख रहे हैं।


ऐसे समय में जब बिलासपुर का पुलिस प्रशासन पूरे जिले और शहर को मास्क पहनने के लिए “मेरा मास्क-मेरी जिम्मेदारी” अभियान चला रहा हो तब जिला कलेक्टर बिना मास्क के रहें अथवा सोशल मीडिया पर या अखबारों में उनकी बिना मास्क की तस्वीरें प्रकाशित, प्रसारित हों..तो इससे निश्चित ही अच्छा संदेश नहीं जाता होगा और ऐसे में बिलासपुर शहर व जिले के लोगों को मास्क पहने के लिए प्रेरित करने के पुलिस प्रशासन अथवा जिला प्रशासन की अपील का नैतिक असर निश्चित ही कमजोर होता होगा‌। साथ ही इससे “मेरा मास्क मेरी जिम्मेदारी” अभियान चलाने वाले पुलिस प्रशासन के अफसर भी डिमारलाईज होते होंगे।

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