भारतीय महिलाओं के पास दुनिया का 11 फीसदी सोना, इतना कई देशों का गोल्ड रिजर्व भी नहीं; जानें पूरी डिटेल

नई दिल्ली,06 जनवरी 2025 ।भारत में सोने का सांस्कृतिक और परंपरिक महत्व बहुत गहरा है, खासकर महिलाओं के बीच, जो सोने के आभूषणों से गहरा लगाव रखती हैं। शादी जैसे समारोहों में सोने का विशेष स्थान होता है, चाहे वह दुल्हन के गहनों की बात हो या मेहमानों के सजने-संवरने की। यही कारण है कि भारतीय महिलाओं के पास सोने का एक विशाल भंडार मौजूद है।

भारत में सोने का भंडार

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, भारतीय महिलाओं के पास दुनिया के कुल सोने का लगभग 11% हिस्सा है, जो लगभग 24,000 टन के आसपास है। यह आंकड़ा भारतीय महिलाओं के सोने के भंडार को दुनिया के शीर्ष पांच देशों के संयुक्त स्वर्ण भंडार से भी अधिक बना देता है।

उदाहरण के तौर पर, अमेरिका के पास 8,000 टन, जर्मनी के पास 3,300 टन, इटली के पास 2,450 टन, फ्रांस के पास 2,400 टन, और रूस के पास 1,900 टन सोना है। इन देशों के भंडार को मिलाने पर भी यह आंकड़ा भारतीय महिलाओं के सोने के भंडार से कम होता है।

दक्षिण भारत में सोने की अधिकता

ऑक्सफोर्ड गोल्ड ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय परिवारों के पास दुनिया के कुल सोने का 11% हिस्सा है। दक्षिण भारतीय महिलाएं इस मामले में अग्रणी हैं, क्योंकि दक्षिण भारत में भारत के कुल सोने का 40% हिस्सा है, और इसमें अकेले तमिलनाडु का योगदान 28% है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की 2020-21 की स्टडी के अनुसार, भारतीय परिवारों के पास लगभग 21,000 से 23,000 टन सोना था, जो 2023 तक बढ़कर लगभग 24,000 से 25,000 टन (या 25 मिलियन किलोग्राम) तक पहुंच चुका था। यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति बन चुका है और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 40% हिस्से का योगदान देता है।

भारत का गोल्ड रिजर्व और RBI का योगदान

भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भी लगातार सोने के भंडार में वृद्धि कर रहे हैं। नवंबर 2023 तक, RBI के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़कर 10.2% हो गई थी। केंद्रीय बैंक का कुल गोल्ड रिजर्व 876.18 टन तक पहुंच चुका है, जो पिछले साल के मुकाबले 9% ज्यादा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण विकासशील देशों, जैसे भारत, अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ा रहे हैं ताकि वित्तीय संकट के दौरान उनकी अर्थव्यवस्था को सहारा मिल सके। कुल मिलाकर, भारत में सोने का सांस्कृतिक महत्व और आर्थिक संदर्भ दोनों ही अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, और यह देश की आर्थिक मजबूती में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।