PPF for child: बच्चों के भविष्य को संवारने का सुनहरा मौका आपके पास है, ज्यादातर पढ़ाई से लेकर शादी-ब्याह के खर्च के बारे में सोचकर सभी माता—पिता को चिंता होती है। इसे देखते हुए एक योजना है पब्लिक प्रोविडेंट फंड या PPF, बच्चों के नाम से पीपीएफ खाता खोलना बहुत अच्छा जरिया हो सकता है, हालांकि इस बात का ध्यान रखना होगा कि पीपीएफ खाता खोलें तो उसमें बराबर पैसे जमा करते रहें, उसकी सही मैच्योरिटी तभी होगी और निवेश का फायदा तभी मिलेगा।
जैसे कि आपने 10 साल की बेटी के नाम से पीपीएफ अकाउंट खुलवाया, इस खाते में हर महीने 500 रुपये (प्रति दिन 15 रुपये से कुछ ज्यादा) की जमा राशि से निवेश शुरू किया, बाद में बेटी बड़ी हुई और उसने भी अपनी तरफ से 500 रुपये की जमा राशि पीपीएफ में डालना शुरू कर दिया, यह सिलसिला 60 साल तक चलता रहा तो अच्छा खासा पैसा जुट जाएगा, अगर औसत रिटर्न 7 परसेंट भी मान कर चलें तो अंत में 27,86,658 रुपये मिलेंगे, इस केस में निवेश की अवधि 50 साल की होगी जिसे बेटी की 10 साल की उम्र में शुरू किया गया है।
मान लीजिए उस बेटी ने 22 साल की उम्र में कोई नौकरी जॉइन की और अपनी तरफ से पीपीएफ खाते में पहला प्रीमियम जमा किया, 22 साल की उम्र से उस बेटी ने हर महीने 1,000 रुपये जमा करने शुरू कर दिए, 500 रुपये उसके माता-पिता की ओर से डाले जाते थे, बेटी ने अब यह जिम्मा अपने हाथ में ले लिया। इस हिसाब से बेटी की जमा राशि पर 7 परसेंट के लिहाज से आसानी से 23,72,635 रुपये जुट जाएंगे।
इस केस में निवेश का वर्ष महज 38 साल रहा क्योंकि उस बेटी ने 22 साल की उम्र से 1,000 रुपये डालने शुरू किए हैं, हिसाब लगाएं तो माता-पिता की तुलना में बेटी को ज्यादा पैसे (500 के बदले 1,000 रुपये) चुकाने पड़ रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी मैच्योरिटी पर जमा राशि कम हो गई, इसकी वजह है निवेश की अवधि, इस स्थिति में बस 38 साल ही पैसे जमा हो पाएं हैं, जबकि माता-पिता की स्थिति में 50 साल पैसे जमा हुए थे।
इससे बचने और ज्यादा से ज्यादा मैच्योरिटी अमाउंट लेने के लिए जितनी जल्द हो सके, पीपीएफ अकाउंट शुरू करने की सलाह दी जाती है, हालांकि पीपीएफ के साथ और भी कई शर्तें हैं जिसका नाबालिग बच्चों के संदर्भ में खयाल रखा जाना चाहिए, माता-पिता में सिर्फ कोई एक ही अपने किसी नाबालिग बच्चे के लिए पीपीएफ अकाउंट खोल सकते हैं, माता-पिता को भारत का नागरिक होना जरूरी है, इसमें केवाईसी का भरा जाना जरूरी है। केवाईसी गार्डियन का होता है जिसके साथ बच्चे की फोटो अटैच होती है, बच्चे के एज प्रूफ के लिए आधार कार्ड या बर्थ सर्टिफिकेट दे सकते हैं, पीपीएफ अकाउंट शुरू करने के लिए शुरुआती पेमेंट के रूप में चेक देना होता है।
बच्चे के पेरेंट इस पीपीएफ अकाउंट को तब तक ऑपरेट कर सकते हैं, जब तक बच्चा 18 साल का न हो जाए, पेरेंट या कानूनी अभिभावक बच्चे के पीपीएफ में एक साल में 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं, हालांकि नाबालिक बच्चे के पीपीएफ अकाउंट को गार्डियन के अकाउंट से भी जोड़ सकते हैं जिसकी लिमिट 1.5 रुपये होगी, इसका मतलब हुआ कि पीपीएफ की 1.5 लाख रुपये की जमा राशि को पेरेंट और नाबालिग बच्चे में बांट सकते हैं, इससे टैक्स बचाने में मदद मिलेगी।
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