कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता जितिन प्रसाद BJP में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई। बता दें कि बीजेपी सांसद और प्रवक्ता अनिल बलूनी के ट्वीट ने सियासती हलचल को तेज कर दिया था।
यूपी के बड़े नेताओं में शुमार हैं जितिन प्रसाद
कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद का नाम उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार है। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी कयास लगाए जा रहे थे कि जितिन कांग्रेस को छोड़कर BJP का दामन थाम सकते हैं, लेकिन तब ऐसा नहीं हो पाया था। जितिन प्रसाद धौरहरा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा यूपी सरकार में उनके पास मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री की जिम्मेदारी थी। सत्ता के गलियारे में चर्चा है कि यूपी में प्रियंका गांधी के आने के बाद से जितिन प्रसाद को साइड लाइन कर दिया गया। पार्टी के कार्यक्रमों में भी उनको कम तवज्जो मिलती थी।
दिल्ली में ही हैं प्रसाद
ट्वीट के बाद से ही लोगों ने पता करना शुरू किया तो पता चला कि यह बड़े नेता और कोई नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के जितिन प्रसाद हैं। जितिन प्रसाद इस समय दिल्ली में ही हैं। जिसके बाद उनके ही बीजेपी में शामिल होने की बात कही जा रही है।
3 बार जाहिर कर चुके हैं नाराजगी
- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान लिस्ट में देरी पर भी जितिन प्रसाद नाराज हो गए थे। तब वह कांग्रेस के राज्य प्रभारी थे।
- सचिन पायलट जब कांग्रेस से नाराज थे तब जितिन प्रसाद ने उनका समर्थन किया था। जितिन ने ट्वीट किया था, “सचिन पायलट सिर्फ मेरे साथ काम करने वाले नहीं बल्कि मेरे दोस्त भी हैं। इस बात को कोई नकार नहीं सकता कि उन्होंने पूरे समर्पण के साथ पार्टी के लिए काम किया है। उम्मीद करता हूं कि ये स्थिति जल्द सही हो जाएगी। ऐसी नौबत आई इससे दुखी भी हूं।”
- पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व में बदलाव और पार्टी को ज्यादा सजीव बनाने के लिए पत्र लिखा था। यूपी में इसको लेकर कुछ नेताओं ने विरोध भी किया था।
ब्राह्म चेतना संवाद से भी कांग्रेस ने किया था किनारा
बीते काफी समय से जितिन प्रसाद ब्राह्मणों के हक में आवाज उठा रहे हैं। हालांकि, प्रदेश नेतृत्व से उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा था। प्रसाद ने 2004 में शाहजहांपुर से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था। जीत कर मंत्री भी बने फिर 2009 में धौरहरा सीट से चुनाव जीते और UPA-2 में मंत्री भी बने। फिर जितिन 2014 में लोकसभा चुनाव हार गए। 2017 में तिलहर विधानसभा से चुनाव लड़े, लेकिन यह चुनाव भी नहीं जीते। 2019 में धौरहरा से फिर लोकसभा चुनाव लड़े और फिर हार का सामना करना पड़ा।
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