नई दिल्ली। देश में चक्रवात ‘दाना’ का असर खत्म हो चुका है और अब पूरे देश का मौसम साफ है। इससे सबसे ज्यादा राहत ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों को मिली है। इन्हीं दो राज्यों में चक्रवात के कारण जमकर बारिश हुई और तेज हवाओं ने भी नुकसान पहुंचाया। केरल में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, लेकिन यह येलो अलर्ट है और इससे कोई बड़ी परेशानी नहीं होने वाली। राजधानी दिल्ली में भी जहरीली हवा की परेशानी कम हुई है। पहले की तुलना में यहां की हवा का स्तर बेहतर हुआ है। चक्रवात दाना का असर खत्म होने के बाद बारिश रुकने से कई इलाकों से पानी कम हो गया है, जिससे लोगों को राहत मिली है।
शनिवार सुबह साढ़े छह बजे तक कोलकाता में 24 घंटे के दौरान 152.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शहर के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। भीषण चक्रवाती तूफान ‘दाना’ ने शुक्रवार तड़के पूर्वी तट पर दस्तक दी जिससे मूसलाधार बारिश और तेज हवा चलने के कारण पेड़ तथा बिजली के खंभे उखड़ गए और ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल में बुनियादी ढांचे एवं फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। तूफान ने ओडिशा के केंद्रपाड़ा में भीतरकणिका और भद्रक जिले के धामरा में बृहस्पतिवार देर रात करीब 12 बजकर पांच मिनट पर दस्तक देनी शुरू की और इस दौरान करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। तूफान का असर सुबह करीब साढ़े आठ बजे तक रहा।
पश्चिम बंगाल में चार लोगों की मौत
अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में करंट लगने समेत बारिश संबंधित घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गयी। कोलकाता में स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन हुगली, बांकुड़ा, झारग्राम और पूर्व तथा पश्चिम मेदिनीपुर जिलों के कई इलाकों में जलभराव बना हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश से खेत जलमग्न हो गए जिससे धान और आलू जैसी फसलों को नुकसान पहुंचा है। आईएमडी ने कहा कि पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर और झारग्राम जिलों के कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है और रविवार से मौसम में सुधार आने की संभावना है।
दिल्ली की हवा का स्तर खराब
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में पिछले दो दिनों में मामूली सुधार होने के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ से ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार शाम चार बजे 24 घंटे का एक्यूआई 255 दर्ज किया गया, जबकि एक दिन पहले यह 270 था। शहर के 40 मौसम निगरानी केंद्रों में से 36 ने आंकड़े साझा किए हैं,
जिसमें यह सामने आया कि छह केंद्रों आनंद विहार, जहांगीरपुरी, मुंडका, वजीरपुर, विवेक विहार और सोनिया विहार में एक्यूआई ‘बहुत खराब’ दर्ज किया गया, जबकि बाकी जगह सूचकांक ‘खराब’ श्रेणी में रहा। ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे पड़ोसी इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहतर रही और एक्यूआई ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया गया। इस बीच, नोएडा और गाजियाबाद में राष्ट्रीय राजधानी के समान ‘खराब’ वायु गुणवत्ता दर्ज की गई।
आने वाले दिनों में भी नहीं होगा बदलाव
मौसम विशेषज्ञों ने पहले कहा था कि हवा की दिशा में बदलाव और हवा की गति में वृद्धि ने वायु गुणवत्ता में सुधार में योगदान दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में भी इसी तरह की हवा स्थिति बरकरार रहने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि आने वाले सप्ताह में किसी प्रकार की कोई बड़ी मौसमी गतिविधि की आशंका नहीं होने के कारण, स्थिति स्थिर रहने की संभावना है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को दिल्ली में प्रमुख प्रदूषक पीएम10 और ओ3 थे। इस बीच, दिल्ली के प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र का सबसे बड़ा योगदान रहा।
शनिवार को शहर के वायु प्रदूषण में परिवहन से होने वाले उत्सर्जन का योगदान 14.8 प्रतिशत था। सीपीसीबी के मुताबिक, अगले दो दिनों में दिल्ली के प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र का सबसे बड़ा योगदान रहेगा। सीपीसीबी के अनुसार, शाम पांच बजे पीएम 2.5 का स्तर 110.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। पीएम 2.5 से तात्पर्य सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने वाले सूक्ष्म कणों से है, जिनका व्यास सामान्यतः 2.5 माइक्रोमीटर या इससे छोटा होता है तथा ये स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा पैदा करते हैं।
[metaslider id="347522"]