कोरबा, 16 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। कोरबा जिले में कोयला खनन के लिए नए कोल ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे पर्यावरण और स्थानीय समुदाय पर खतरा मंडराने लगा है। केंद्र सरकार ने 10वें दौर की बोली में करतला और कोटमेर के कोल ब्लॉकों को नीलामी सूची में शामिल किया है।
इस नीलामी में देश के 67 कोल ब्लॉक शामिल हैं, जिनमें करतला और कोटमेर के नार्थ और साऊथ कोल ब्लॉक भी शामिल हैं। नीलामी की प्रक्रिया 18 अक्टूबर के बाद शुरू होगी और तकनीकी बिड 21 अक्टूबर को खोली जाएगी।
पर्यावरणविदों का मानना है कि कोयला खनन से वनस्पति और जीव-जन्तुओं के आवासों को नुकसान पहुंचेगा, पेड़ों की कटाई होगी और मिट्टी का क्षरण होगा। लगभग 1000 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हो सकती है और 50,000 से 1 लाख पेड़ कटाए जा सकते हैं।
स्थानीय समुदाय के लिए भी खतरे की घंटी बज रही है, क्योंकि खनन प्रक्रिया में उनके आवासों को नुकसान पहुंचेगा और जल स्रोतों को प्रदूषित होने का खतरा है। कोयला खनन के लिए बोली दाताओं में जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, अडानी समूह समर्थित एसीसी लिमिटेड, जेके सीमेंट लिमिटेड और नाल्को एनएलसी इंडिया शामिल हैं। इस नीलामी से केंद्र और राज्यों को बड़ा राजस्व मिलेगा, लेकिन पर्यावरण और स्थानीय समुदाय की कीमत पर।
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