आकांक्षी जिला कोरबा के आंगनबाड़ी होंगे धुएं मुक्त, 2094 केंद्रों में एलपीजी गैस से बनेगा भोजन, मंत्री श्री देवांगन आज कनेक्शन वितरण का करेंगे शुभारंभ

कोरबा, 02 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। आकांक्षी जिला कोरबा के आंगनबाड़ी केंद्रों में अब नौनिहालों के गर्म भोजन पकाने के लिए सहायिकाओं को लकड़ी के धुएं से अपनी सेहत खराब नहीं करनी पड़ेगी। जिला प्रशासन ने जिले के ही खनिज संपदाओं से प्राप्त राजस्व डीएमएफ से स्कूल ,आंगनबाड़ी ,आश्रम -छात्रावासों को धुएं से आजादी दिलाने की महती पहल करते हुए एलपीजी गैस कनेक्शन देने का निर्णय लिया है। स्कूल ,आश्रम के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों में भी इसकी तैयारी पूर्ण कर ली गई है। जिले के 2094 आंगनबाड़ी केंद्रों को जलावन हेतु गैस सिलेंडर प्रदाय किया जाएगा। बुधवार को छत्तीसगढ़ शासन ने उद्योग ,वाणिज्य एवं श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन प्रातः 11 बजे कलेक्टोरेट सभागार में इसका शुभारंभ करेंगे।

गौरतलब हो जिले में आज भी 2000 से ज्यादा स्कूल, 2500 से ज्यादा आंगनबाड़ी, 200 से अधिक आश्रम छात्रावासों में जलावन लकड़ीं से ही बच्चों को मध्यान्ह भोजन तैयार किया जा रहा है। इससे न केवल भोजन तैयार करने वाली समूहों की महिलाओं,सहायिकाओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा वरन वनों का भी ह्रास हो रहा ।जिले के संवेदनशील कलेक्टर अजीत वसंत ने इसे देखते हुए केंद्र शासन की गाइडलाइंस अनुरूप जिले में डीएमएफ से उपलब्ध फंड के जरिए स्कूल,आंगनबाड़ी एवं आश्रमों को जलावन हेतु एलपीजी गैस सिलेंडर से लाभान्वित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी विभागों के संबंधित अधिकारियों से प्रस्ताव मंगाए गए थे। लिहाजा सभी ने प्रस्ताव दे दिया है। गौरतलब हो जिले में 2500 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिनमें से 505 आंगनबाड़ी केंद्रों में 2017-18 में डीएमएफ से ही दिए गए एलपीजी गैस कनेक्शन क्रियाशील स्थिति में हैं। लिहाजा वर्तमान में शेष 2094 आंगनबाड़ी केंद्रों एलपीजी गैस कनेक्शन के लिए लगभग 2 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास ने प्रदान किया है। खास बात यह है कि इन सभी संस्थाओं में गैस उपलब्ध कराए जाने के साथ ही साथ रिफलिंग की व्यवस्था भी डीएमएफ से की जाएगी। जिससे सभी एलपीजी गैस सिलेंडर सतत रूप से क्रियाशील रहेगी। समूहों ,कार्यकर्ताओं ,अधीक्षकों को इसके रिफलिंग की चिंता नहीं होगी। पूर्व में रिफलिंग के लिए फंड नहीं होने की वजह से 6 साल से गैस सिलेंडर शो पीस बनकर रह गए थे। महिला एवं बाल विकास विभाग की डीपीओ श्रीमती रेनु प्रकाश ने बताया कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है ,केंद्रों में सहायिका एवं बच्चों के सेहत के साथ साथ वन -जल संरक्षण ,धुआं रहित स्वच्छ वातावरण प्रदाय करने की दिशा में सार्थक कदम है।