शिवपुरी, 22 सितम्बर। कहावत है जर, जोरू और जमीन के लिए इंसान कुछ भी कर सकता है। यह बात ग्राम पंचायत सिरसौद में सही होती दिखी। यहां गुरुवार को 80 वर्षीय अचुआ जाटव की मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद बड़े बेटे रामचरण जाटव को पता चला कि उनके हिस्से की चार बीघा जमीन छोटे भाई रामसेवक जाटव ने छलपूर्वक अपने नाम करवा ली है।
इसी के चलते विवाद बढ़ा और रामचरण कहने लगा जब तक उसे दो बीघा जमीन नहीं मिलेगी व पिता के शव का अंतिम संस्कार नहीं होने देगा। छोटा बेटा जमीन देने को राजी नहीं था। 24 घंटे तक पिता का शव घर में रखा रहा और दोनों भाई हाथों में कुल्हाड़ी थामकर झगड़ा करते रहे।
पिता के शव को दो हिस्से में काटने को तैयार हो गए थे
शुक्रवार की दोपहर तक मामला नहीं सुलझा तो गांव के उपसरपंच नारायण जाटव ने समाज की पंचायत बुलाई और दोनों भाइयों का समाज से बहिष्कार करने का निर्णय लिया। समाज के दबाव के बावजूद दोनों के बीच टकराव इस कदर था कि वे बोले कि पिता को दो हिस्सों में काट दो, दोनों भाई आधे-आधे शव का अंतिम संस्कार करेंगे।
समाज के लोगों ने बमुश्किल समझा कर अंतिम संस्कार करवाया गया। मामले में सरपंच अतर सिंह लोधी का कहना है कि भाइयों में विवाद के चलते सालों से जमीन बंजर पड़ी है, एक बीघा जमीन पर भी खेती नहीं होती। अगर प्रशासन ने हस्तक्षेप कर विवाद नहीं सुलझवाया तो बड़ी घटना हो सकती है।
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