OMG! महिला ने ऑर्डर किए 133 रुपए के Momos, डिलीवरी नहीं मिलने पर लगाया केस, कोर्ट ने सुनाया चौंकाने वाला फैसला…

डिजिटल युग में अब हर चीज हमें घर बैठे ऑर्डर करने पर मिल जाती है. फिर चाहे वह कपड़े हों या फिर खाने-पीने की चीजें यहां तक कि घर में मरम्मत करने का काम तक भी आपको ऑनलाइन ऑर्डर करने पर घर बैठे ही हो जाता है. लेकिन सबसे ज्यादा फूड डिलीवरी में भी लोग ऑनलाइन ऑर्डर का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि कई बार कस्टमर्स को यह शिकायत होती है कि उन्हें समय पर फूड नहीं मिला या फिर फूड सही नहीं मिला.

कभी-कभी इस बात की भी शिकायत होती है कि फूड पहुंचा ही नहीं. ऐसा ही एक ऑर्डर कर्नाटक की रहने वाली एक महिला ने किया. इस महिला ने 133 रुपए कीमत के मोमोज ऑर्डर किए. लेकिन इस महिला को मोमोज मिले ही नहीं. यानी उसके पास डिलीवर ही नहीं हुए. लिहाजा महिला ने इसको लेकर कोर्ट में केस फाइल कर दिया. कोर्ट में मामले पर सुनवाई हुई और जज जो फैसला सुनाया वह जानकार आप भी दंग रह जाएंगे. 

क्या है पूरा मामला


कर्नाटक के बैंगलूरु में रहने वाली एक महिला ने जोमैटो फूड डिलीवरी एप पर मोमोज ऑर्डर किए. इन मोमोज की कीमत करीब 133 रुपए थी. हालांकि इस महिला के पास ऑर्डर पहुंचा ही नहीं. महिला ने इसको लेकर थाने में शिकायत की. इसके बाद जब कुछ नहीं हुआ तो महिला ने कोर्ट में ही केस दर्ज करवा दिया. 

महिला का नाम शीतल बताया जा रहा है. महिला ने 31 अगस्त 2023 को मोमोज ऑर्डर किए थे. गूगल पे के जरिए उन्होंने 133.25 रुपए का भुगतान भी किया. खास बात यह है कि जब महिला ने ऑर्डर किया तो उसके 15 मिनट बाद ही उसके पास मैसेज आ गया कि मोमोज डिलीवर हो गए हैं. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. 

महिला ने उठाया मुद्दा, 72 घंटे तक नहीं मिला जवाब
महिला ने इस मामले को फूड डिलीवर कंपनी में उठाया, लेकिन उसे 72 घंटे तक कोई  जवाब ही नहीं मिला. इसके बाद शीतल ने इस मामले मे को कोर्ट में उठाया और डिलीवरी कंपनी को कानूनी नोटिस भी भेज दिया. महिला ने कोर्ट में एक साल तक केस भी लड़ा और इस बात के सबूत पेश किए कि उसे भुगतान करने के बाद भी मोमोज डिलीवर नहीं हुए. 

कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
कोर्ट में सुनवाई के बाद जज ने जो फैसला सुनाया उसने ऐसे सभी कस्टमर्स को बड़ी राहत दी जिनके साथ इस तरह की घटना होती है. कोर्ट ने फूड डिलीवरी करने वाले जोमैटो की ओर से 133.25 रुपए लौटाने के साथ-साथ उनके मानसिक तनाव को लेकर 50000 रुपए और कानूनी खर्चों को चुकाने के लिए 10 हजार रुपए अतिरिक्त देने का निर्देश दिया. इसके साथ ही जोमैटो की ओर से शीतल को कुल 60 हजार रुपए का भुगतान किया. यानी अब शीतल जिंदगीभर मोमोज फ्री में खा सकती है. 

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