रोज सोने से पहले क्या करती है रणबीर-आलिया की बेटी राहा, एक्ट्रेस ने खुद बताया; कहा- ‘रात को 2-3 तो…’


Alia Bhatt on Parenting:
 आलिया भट्ट इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म अल्फा को लेकर चर्चा में बनी हुई है. वहीं, एक्ट्रेस अपनी बेटी की भी देखभाल में लगे रहती हैं.  रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) से शादी के बाद एक्ट्रेस ने एक क्यूट सी बच्ची को जन्म दिया था, जिसका नाम राहा (Raha Kapoor) है. रणबीर और आलिया अपनी बेटी राहा को बड़े ही प्यार से बड़ा कर रहे हैं. एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर राहा की तस्वीरें भी शेयर करती रहती हैं, वहीं राहा को कई बार पैप्स द्वारा भी स्पॉट किया जाता है. हाल में एक इंटरव्यू में आलिया ने राहा को लेकर बातचीत की और बताया कि हर रोज अपनी बेटी के लिए वो क्या करती हैं. 

राहा को किताबें पढ़ने का है शौक

आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की बेटी राहा को किताबें पढ़ने का बहुत शौक है. हाल ही में आलिया ने इंटरव्यू में बताया कि, ‘मैं रोज रात को राहा को किताबे पढ़कर सुनाती हूं, जब तक राहा को 2-3-4 किताबें पढ़कर नहीं सुना देते, वो सोती नहीं हैं. मैं और रणबीर हर रोजा ऐसा करते हैं. कोई रात ऐसी नहीं जाती, जब राहा को हम किताब पढ़कर न सुना रहे हों. ये हमारा रूटीन है. किसी भी रात में ऐसा नहीं हुआ है जो हमने मिस किया हो. कई बार तो दोपहर में भी जब राहा को मैं सुला रही होती हूं तो उसको मैं किताब पढ़कर सुनाती हूं.’ आलिया ने ये भी बताया कि राहा को किताबें इतनी पसंद हैं कि वो रोज रात  अपनी किताबों को गले लगाती हैं, इसके बाद ही सोती है. बता दें कि आलिया ने कुछ दिनों पहले ही अपनी बुक लॉन्च की है जो किड्स के लिए उन्होंने लिखी है.

राहा को खुद से अलग बनाना चाहती हैं आलिया

कुछ समय पहले एक मीडिया वेबसाइट से बातचीत के दौरान, आलिया भट्ट ने खुलासा किया था कि उन्होंने एक मां के रूप में हमेशा अपनी पेरेंटिंग पर भरोसा किया है. उन्होंने कहा था, ‘जब एक एक्ट्रेस और एक मां के रूप में मैंने जिस विरासत की कल्पना की थी, मुझे नहीं लगता कि यह मेरी ओर से गणना की गई है. एक मां के तौर पर मैं जो चुनाव करती हूं, वे भी मेरे बच्चे के लिए सबसे अच्छा क्या है, इस बारे में बहुत सहज होते हैं. हर बच्चा अपनी पर्सनालिटी के साथ पैदा होता है. इसलिए, एक पेरेंट्स के तौर पर आपको उनका पालन-पोषण और देखभाल करने की जरूरत है और बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा होने देना चाहिए.  मुझे नहीं लगता कि मैं चाहती हूं कि राहा कभी भी खुद का कोई ऐसा वर्जन बने, जिसमें वह सबसे सहज महसूस न करे.’