छोटी-मोटी चोट पर आप भी लगाते हैं बैंडेज? तो हो सकता है कैंसर का खतरा!

छोटी-मोटी चोट लगती है तो आप भी इतना परेशान नहीं होते. क्योंकि कटने या छिलने जैसी हल्की चोट प बैंडेज लगा ली जाती है. इसे लगाने से काम करना भी आसान हो जाता है. हर घर के फर्स्ट एड बॉक्स में बैंडेज मिल ही जाएगी. ये किसी फैमिली मेंबर से कम नहीं है. सालों से लोग बैंडेज पर भरोसा करते आ रहे हैं l

बेशक ये बैंडेज घाव को ठीक करने का काम करते हैं लेकिन इसको लेकर जो रिसर्च सामने आई है, वो एकदम से चौंकाने वाली है. Mamavation ने एन्वायरमेंटल हेल्थ न्यूज के साथ मिलकर एक रिसर्च की है, जिसमें ये पता चला है कि बैंडेज कैंसर का खतरा बन सकती है. बाजार में कई कंपनियों के बैंडेज मिल रहे हैं. स्टडी के मुताबिक, तमाम बैंडेजेस में कैंसर पैदा करने वाले तत्व मिले हैं l

PFAS केमिकल्स मिले

जयपुर के नारायणा हॉस्पिटल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में कंसल्टेंट डॉ. प्रीति अग्रवाल का कहना है कि हल्की-फुल्के कट या चोटों पर बार-बार बैंडेज का इस्तेमाल आपके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है. हाल ही में हुई एक शोध के मुताबिक, चोट लगने पर इस्तेमाल होने वाले बैंडेज कैंसर जैसी घातक बीमारी का कारण बन सकते हैं l

स्टडी में पाया गया कि कई लोकप्रिय ब्रांड के बैंडेज में कैंसर फैलाने वाले पीएफएएस (PFAS) जैसे कई केमिकल्स थे. PFAS को पर-एंड पॉली-फ्लोरो अल्काइल सब्स्टेंस के नाम से जाना जाता है l

बैंडेज से शरीर में पहुंचना

पीएफएएस को “फॉरएवर केमिकल्स” के तौर पर भी जाना जाता है क्योंकि ये पर्यावरण में टूटने में बहुत लंबा समय लेते हैं. ये बैंडेज के माध्यम से मानव शरीर में भी जमा हो सकते हैं. ये केमिकल्स खुले घावों के जरिए ब्लड फ्लो में प्रवेश कर सकते हैं, जो शरीर में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं l

न करें इस्तेमाल

इसके अलावा अध्ययन में ये भी सामने आया कि बैंडेज बनाने में प्रयोग होने वाले कार्बनिक फ्लोरीन का स्तर 11 पीपीएम से लेकर 239 पीपीएम तक था, जो शरीर में कैंसर जैसी घातक बीमारी के फैलने की संभावना को काफी बढ़ा सकता है. इसलिए सावधानी के तौर पर आपको हर बार छोटी-मोटी चोटों के लिए बैंडेज का प्रयोग नहीं करना चाहिए l

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