सावधान! ये लक्षण दिखें तो तुरंत जाएं अस्पताल, कोरोना मरीजों को डॉ. रणदीप गुलेरिया की सलाह

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का खतरा अभी भी बरकरार है। इस बीच रोजाना आ रहे संक्रमण के मामलों में कमी जरूर देखने को मिली है, लेकिन मरने वालों का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं के लिए लोग अभी भी चक्कर काट रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञ यह कई बार बता चुके हैं कि कोरोना के अधिकतर मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो सकते हैं, इसके लिए बेवजह अस्पताल भागने की जरूरत नहीं है। हां, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को कुछ खास लक्षणों को पहचानने की जरूरत होती है कि उन्हें कब अस्पताल जाना चाहिए। 

दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय के ट्विटर हैंडल पर कुछ विशेष बातों को साझा किया गया है और लोगों से अपील की है कि वे पहले बीमारी के वॉर्निंग साइन यानी चेतावनी संकेतों को पहचानें और जरूरत पड़ने पर ही अस्पताल जाएं। 

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘अगर आप होम आइसोलेशन में हैं यानी घर पर हैं तो लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहें। हर राज्य में हेल्पलाइन की सुविधा मौजूद है, जहां मरीज कभी भी फोन करके कोरोना संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।’ 

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया, ‘अगर मरीज का ऑक्सीजन सैचुरेशन 93 या इससे कम है, तेज बुखार, छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, सुस्ती बहुत हो रही है, मरीज रेस्पॉन्ड नहीं कर रहा है यानी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है या और भी कोई लक्षण हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अस्पताल जाएं। इन स्थितियों में घर पर रहना ठीक नहीं है, क्योंकि मरीज को समय पर दवाएं न दिए जाने से खतरा बढ़ सकता है।’

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने यह भी बताया, ‘अब रिकवरी रेट अच्छा हो गया है, अस्पताल में बेड की समस्या नहीं है, ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ा दी गई है। इसके अलावा सरकार ने कई नए कैंप अस्पताल भी बनाए हैं, इसलिए अस्पताल जाने में बिल्कुल भी संकोच न करें।’