PhonePe, Google Pay से क्या नाराज है NPCI,आखिर क्यों लॉन्च हो रहीं नई UPI ऐप्स?

आज के समय में फोनपे, गूगल पे या पेटीएम यूपीआई से पेमेंट करना काफी सामान्य बात है. इसके बिना हम अपने डेली रूटीन को इमेजिन भी नहीं कर सकते. लेकिन यूपीआई पेमेंट की सर्विस देने वाली नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) क्या अब इन कंपनियों से नाराज हो चुकी है? अगर ऐसा नहीं है तो फिर मार्केट में आए दिन नई यूपीआई पेमेंट ऐप्स लॉन्च क्यों हो रही हैं.

दरअसल इन नई यूपीआई ऐप्स को एनपीसीआई ने ही लॉन्च कराया है ताकि ग्राहकों को नए लेवल पर डिस्काउंट्स का लाभ मिल सके. इतना ही नहीं एनपीसीआई चाहता है कि यूपीआई सेगमेंट में नया निवेश भी आए. इसकी एक खास वजह भी है.

गूगल पे और फोनपे से होते हैं 85% ट्रांजेक्शन

एनपीसीआई चाहता है कि लोग इन नई ऐप पर शिफ्ट हों. इनका फायदा उठाएं ताकि फोनपे और गूगल पे पर ज्यादा ट्रांजेक्शन होने से पैदा होने वाले जोखिम को कम किया जा सके. अभी यूपीआई के टोटल ट्रांजेक्शन में से करीब 85 प्रतिशत टांजेक्शन सिर्फ इन दो प्लेटफॉर्म पर होते हैं. डिजिटल पेमेंट स्पेस की सबसे बड़ी कंपनी होने के बावजूद पेटीएम इस मामले में पीछे है. इस बारे में जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से ईटी ने भी खबर दी है कि एनपीसीआई नए यूपीआई प्लेयर्स के साथ लगातार कनेक्ट करती रहती है और नियमित तौर पर उनके साथ डिस्कशन करती है. पिछले महीने भी एनपीसीआई ने नई यूपीआई ऐप कंपनियों के साथ एक बैठक की और इसमें गूगल पे, फोनपे और पेटीएम को नहीं बुलाया गया.

मार्केट में आए हैं ये नए प्लयेर्स

अगर आप हाल की घटनाओं को देखें तो मार्केट में कई नए यूपीआई प्लेटफॉर्म जैसे कि क्रेड, स्लाइस और फैमपे आए हैं. वहीं जोमैटो, ग्रो और फ्लिपकार्ट को भी यूपीआई पेमेंट सर्विसेस चलाने के लिए लाइसेंस दिए गए हैं. ये सभी ऐप्स ग्राहकों को यूपीआई पेमेंट करने को लेकर नए ऑफर्स, कैशबैक और डिस्काउंट दे रही हैं. हालांकि इन कंपनियों ने साफ कर दिया है कि वह नए यूपीआई यूजर्स को जोड़ने के लिए इस प्लेटफॉर्म पर बहुज ज्यादा इंवेस्ट करने के मूड में नहीं है. फिर भी क्रेड इस सेगमेंट को लेकर अच्छा कैशबैक ऑफर कर रहा है. साथ ही एक एड कैंपेन भी चला रहा है.

बढ़ रहा है गूगल पे और फोनपे का शेयर

अगर मार्च के डेटा को देखें तो फोनपे और गूगल पे का ट्रांजेक्शन वॉल्यूम बढ़ा है. फोनपे की ग्रोथ 5.2 प्रतिशत और गूगल पे की 6.3 प्रतिशत रही है. लेकिन ये पहली बार है जब कंपनियों का डेटा सिंगल डिजिट में बढ़ा है.

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