पौधा वितरण, राइजोन रूट शूट खरीदी गड़बड़ी: SDO-रेंजर जमा करेंगे 5-5 लाख

कोरिया,07 मार्च । लोकपाल ने मनरेगा के तहत कराये गये पौधरोपण के कार्य मे अनियमितता के मामले में शिकायत बाद जांच में आर्थिक अनियमितता प्रमाणित पाते हुए तत्कालीन उप वनमण्डलाधिकारी समेत तत्कालीन वनपरिक्षेत्र अधिकारी मनेंद्रगढ़ केल्हारी,कुंवरपुर, जनकपुर, बहरासी को 5 -5 लाख रुपये सयुंक्त रूप से क्षतिपूर्ति के रूप में राज्य रोजगार गारंटी कोष में 90 दिनों के भीतर जमा करने का निर्णय पारित करते हुए 1-1हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।

गौरतलब है कि 18 अप्रैल 2023 को बैकुंठपुर निवासी चंद्रकांत परागीर ने मनरेगा के लोकपाल के समक्ष वर्ष 2021-22, 2022-23 में मनेन्द्रगढ़ वनमण्डल में मनरेगा के तहत कराये गये पौधरोपण व हरियाली प्रसार योजना के तहत पौधों के वितरण में भ्रष्टाचार किये जाने की शिकायत की थी..जिस पर लोकपाल मलखान सिंह ने वन विभाग से जानकारी मांगी थी ,तथा वनमण्डल मनेन्द्रगढ़ के द्वारा लोकपाल को जानकारी दी गई थी,वित्तीय वर्ष 2021-22 में 5 लाख 60 हजार बांस पौधा तैयार करने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी,बांस पौधा तैयार करने हेतु बांस राइजोन निविदा दर पर क्रय करना बताया था,इसके साथ ही तुहर पौधा तुंहर द्वार योजना के तहत ग्रामीणों को रोपणी हेतु विभाग द्वारा हितग्राहियों को घर तक पौधा पहुँचाया गया था,मनरेगा के लोकपाल ने जिला पंचायत कोरिया के प्रशासकीय स्वीकृति अवलोकन किया ।

लोकपाल ने दस्तावेजों के अवलोकन में पाया कि पौधा हेतु मनेन्द्रगढ़ वनपरिक्षेत्र में 9 लाख 99 हजार रुपये तथा इसी प्रकार बिहारपुर, केल्हारी, जनकपुर, कुंवारपुर व बहरासी वनपरिक्षेत्र हेतु भी 9 लाख 99 हजार की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी, इस सम्बंध में लोकपाल ने वन विभाग के अधिकारियों से नोटिस जारी कर जवाब मांगा था,इसके साथ ही लोकपाल ने स्थल निरीक्षण किया और लोकपाल ने पाया कि हरियाली प्रसार योजना के तहत पौधों वितरण नही किया गया है। इसके अलावा जांच के दौरान लोकपाल ने राइजोन रूट शूट खरीदी में भी आर्थिक अनियमितता पाते हुए तत्कालीन उप वनमण्डलाधिकारी मनेंद्रगढ़, तत्कालीन वनपरिक्षेत्र अधिकारी मनेन्द्रगढ़, केल्हारी, बहरासी को दोषी पाते हुए 5-5 लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में राज्य रोजगार गारंटी कोष में निर्णय पारित होने के 90 दिवस के भीतर जमा करने का निर्णय पारित किया है, इसके साथ ही 1-1 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।