Pulse Polio : कोरबा के अधिकारियों ने मेयर व पार्षद को किया उपेक्षित,भूल गए पद की गरिमा…शहर की PHC में दिखा अलग नजारा, चर्चा का विषय


कोरबा, 04 मार्च । एक चर्चित कहावत है- घर का जोगी जोगड़ा,आन गांव का सिद्ध…। इस कहावत को जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एसएन केशरी ने चरितार्थ किया है।नगर के प्रथम नागरिक महापौर राजकिशोर प्रसाद एवं वार्ड क्रमांक 11 नई बस्ती के पार्षद दिनेश सोनी की घोर उपेक्षा की गई है। इस तरह की उपेक्षा की इन दोनों को अपेक्षा भी नहीं थी लेकिन इस हिमाकत को स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार शहरी अधिकारियों ने कर दिखाया है।


इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। क्या सत्ता पक्ष की नजरों में इतना अच्छा बनने की चाह हो गई है कि दूसरे जन प्रतिनिधियों को दरकिनार कर दिया जा रहा है? वार्ड के कार्यक्रम में अन्य वार्ड के पार्षद की दखल का नजारा शहर के मध्य रानी धनराज कुंवर देवी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला, जब यहां 3 मार्च 2024 को राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान का शुभारंभ हुआ।

शुभारंभ अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने वार्ड क्रमांक 16 कोहड़िया के पार्षद नरेंद्र देवांगन के मुख्य अतिथि में एवं वार्ड 5 की भाजपा पार्षद की उपस्थिति में बच्चों को दवा की दो बूंद पिलाई।
कार्यक्रम तो संपन्न हो गया लेकिन घोर उपेक्षा का सवाल छोड़ गया कि क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इतना भी नहीं पता कि उन्होंने जिस वार्ड में यह स्वास्थ्य केंद्र स्थित है, उस वार्ड के पार्षद कौन हैं? किसे अतिथि बनाया जाना चाहिए, क्या इस गरिमा को अधिकारी भूल गए हैं या उन्हें पद की गरिमा का भान नहीं है।

नगर के प्रथम नागरिक महापौर राज किशोर प्रसाद और पीएचसी स्थित वार्ड 11 के पार्षद दिनेश सोनी की घोर उपेक्षा पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के शुभारंभ के दौरान देखने को मिली है। इतना ही नहीं इन दोनों को किसी भी तरह का आमंत्रण ना तो फोन के जरिए दिया गया और नहीं उनसे प्रत्यक्ष मिलकर शुभारंभ के लिए आमंत्रित किया गया,जबकि दोनों जनप्रतिनिधि शहर में थे। यह पहली बार हुआ है जब दूसरे वार्ड के पार्षद को बुलाकर पीएचसी में शुभारंभ कराया गया और मूल वार्ड के पार्षद तक को दरकिनार कर दिया गया, जबकि उक्त पीएचसी के विकास और जरूरतों की पूर्ति में पार्षद दिनेश सोनी ने कोरबा लोकसभा की सांसद श्रीमती ज्योत्स्ना महंत के माध्यम से कई सफल प्रयास और कार्य किये हैं।

अब भले ही जिम्मेदार अधिकारी इसे चूक बताने का दावा कर सकते हैं लेकिन यह चूक नहीं बल्कि एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है। कहा तो यह भी जा रहा है कि भाजपा नेताओं के गुडविल में रहने के लिए कांग्रेस के नेताओं और पदाधिकारी की उपेक्षा की जा रही है,और पद की गरिमा को भी ताक पर रख दिया जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों को तटस्थ रहकर कार्य करना होता है। उनके लिए सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधि समान होने चाहिए।