IPS Dipka में आयोजित ‘ ओपन हाउस एक्टिविटी – ए डे एट आई पी एस ‘ को मिला अच्छा प्रतिसाद, अभिभावकों ने शत प्रतिशत उपस्थित होकर आई पी एस दीपका के प्रति जताया स्नेह व विश्वास


कोरबा, 04 मार्च । पाठ्य सहगामी क्रिया का अर्थ है जो पाठ्य के साथ साथ छात्रों को विद्यालय में कराई जाती है। ये क्रियाएं भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कक्षा में पढ़ाई जाने वाली पाठ्य वस्तु। इन क्रियाओं को पाठ्य सहगामी क्रियाएं कहा जाता है। और बात हो जब ओपन हाउस एक्टिविटी की तब मामला और ज्यादा मनोरंजन वह रोचक हो जाता है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि विद्यालय में को – करि कुलर एक्टिविटीज सिर्फ स्टूडेंट के लिए होती है, लेकिन इंडस पब्लिक स्कूल दीपका ने एक अभिनव पहल करते हुए समिति क्षेत्र के अभिभावकों सहित विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों के अभिभावकों के लिए भी ओपन हाउस एक्टिविटी – ए डेट आईपीएस दीपका का शानदार आयोजन किया।


इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में ओपन हाउस एक्टिविटी – ए डे एट आई पी एस का सफल आयोजन किया गया।इस आयोजन में समीपवर्ती क्षेत्र के सभी सुधी अभिभावकों सहित अध्ययनरत विद्यार्थियों के अभिभावकों ने अपनी 100 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करवाकर साबित कर दिया कि इंडस पब्लिक स्कूल दीपका उनकी सबसे पहली पसंदीदा स्कूल है जहां विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु यहां के सभी समर्पित टीचिंग स्टाफ के द्वारा विशेष ध्यान दिया जाता है।
विद्यालय में आयोजित ओपन हाउस एक्टिविटी – ए डे एट आई पी एस में अभिभावकों हेतु कुकिंग विदाउट फायर,पपेट शो,स्टोरी टेलिंग एवं आर्ट एंड क्राफ्ट सहित कई मनोरंजक एक्टिविटी एंड कंपटीशन आयोजित की गई।सभी एक्टिविटीज में पेरेंट्स ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजित अभिभावकों को सप्राचार्य विद्यालय के शैक्षणिक प्रभारी श्री सब्यसाची सरकार सर एवं शैक्षणिक प्रभारी श्रीमती सोमा सरकार मैडम के द्वारा सम्मानित किया गया।
स्टोरी टेलिंग एवं पपेट शो का भी अभिभावकों एवं बच्चों ने पूरा आनंद लिया।स्टोरी टेलिंग में एवं पपेट शो में श्रीमती रुमकी मेडम,मधु मेडम,ईशा मैडम,स्वाति मैडम,मौसमी मैडम,सीमा मैडम ,अनम मेडम , पवन सर सहित सभी शिक्षिकाओं का विशेष योगदान रहा। इसके साथ ही आर्ट एवं क्राफ्ट में श्रीमती अंशुल मैडम, श्रीमती अनु रमन,श्रीमती सीमा कौर का सहयोग सराहनीय रहा। साथ ही फन गेम्स में श्रीमती मंडावी पाठ,सुश्री सस्मिता रानी,श्रीमती हर्षा राजपूत एवं सुश्री अपराजिता सिंह का सराहनीय सहयोग रहा।


इस शानदार आयोजन में विद्यालय की शैक्षणिक प्रभारी श्रीमती सोमा सरकार सहित प्राइमरी एवं प्री प्राइमरी की शिक्षिकाओं का सराहनीय सहयोग रहा।
उपस्थित अभिभावक श्रीमती दीपिका ने कहा कि वाकई ऐसा आयोजन बहुत ही शानदार होता है,जब हम विद्यालय के सभी गतिविधियों में खुद को शामिल करते हैं।इससे न सिर्फ हमारी भी प्रतिभा निखरती है,अपितु हम विद्यालय प्रबंधन के साथ करीब से जुड़ते भी हैं।ऐसा मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक आयोजन स्वयं को एवं विद्यालय की दूरदर्शिता को दर्शाता है।धन्यवाद आई पी एस दीपका।
विद्यालय की शैक्षणिक प्रभारी एवं पूरे आयोजन की मुखिया श्रीमती सोमा सरकार ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन का हमारा एकमात्र यही उद्देश्य है कि विद्यालय में चल रही प्रत्येक शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों से हमारे सम्मानित अभिभावक भी करीब से परिचित हो और हमारा तथा उनका संबंध पहले जैसा हमेशा ही मधुर बना रहे ।किसी भी प्रकार की कोई आशंकाएं मन में ना रहे ।हम एक सकारात्मक सोच के साथ अपने उद्देश्य की प्राप्ति में विद्यालय को आगे बढ़ाते रहें और सभी अभिभावकों का हमें सतत सहयोग मिलता रहे ।कहा भी जाता है प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती। हमारा एकमात्र उद्देश्य खुद भी सीखना है और दूसरों को भी सीखना है। साथ ही विद्यार्थी एवं अभिभावकों के साथ सर्वदा एक मधुर संबंध स्थापित करना है।

विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि विद्यालय में समय समय पर इस प्रकार के आयोजन से न सिर्फ पैरेंट्स ,टीचर्स और स्कूल प्रबंधन के मध्य बेहतर सामंजस्य स्थापित होता है,साथ ही विद्यालय परिवार के साथ एक अटूट रिश्ता भी कायम हो जाता है। पेरेंट्स भी मंच पर अपनी कला एवं मनोभावों का बेहतर प्रदर्शन कर विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणाश्रोत बनते हैं। पेरेंट्स को चाहिए को वे अपनी सुविधानुसार विद्यालय के प्रत्येक कार्यक्रम में अवश्य शिरकत करें एवं अपने बहुमूल्य सुझाव साझा करें। आपके द्वारा दिया गया सुझाव हमें पुष्पित और पल्लवित होने में संजीवनी का कार्य करेगा।पुनः इस अद्वितीय आयोजन का हिस्सा बनने के लिए आप सभी का आभार।आप सभी की उपस्थिति विद्यालय के प्रति आपका विश्वास और प्यार का परिचायक है। सीखना और सीखाना एक अनवरत प्रक्रिया होती है। यदि हम अभिभावक हैं तो इसका अर्थ यह नहीं है कि हमने सीखना बंद कर दिया है ।और विद्यालय तो शिक्षा का ही मंदिर होता है ।यहां तो मात्र हमें सीखना और सीखना है ।वह भी तनाव ग्रसित नहीं होकर बल्कि तनाव रहित होकर। दिन भर की व्यस्ततम जिंदगी में इंसान सुकून के पल अवश्य खोजता है ,हमारा यह प्रयास आप सबके चेहरे पर मुस्कान लाना है ।आप ऐसे ही हमेशा हंसते एवं मुस्कुराते रहिए एवं तनाव को अलविदा कहिए ।सीखते रहिए सिखाते रहिए।