राजिम कुंभ कल्प : रंग सरोवर के छत्तीसगढ़ी लोक गीत से लोग हुए मंत्रमुग्ध

मेला में आए लोगों ने सुआ, करमा, पंथी, भरथरी, ददरिया, भोजली एवं जसगीत का रात्रि तक लिया आनंद

गरियाबंद,27 फरवरी । भोजली गीत देवी गंगा देवी गंगा लहर तुरंगा.. जसगीत रणबन रणबन हो.. सुआ गीत तरीहरी नाना हाय रि मोर सुवना.. सहित राउत नाचा, पंथी, ददरिया एवं भरथरी आदि लोकगीतों की सुंदर प्रस्तुति ने राजिम कुंभ मेला के तीसरे दिन मुख्य मंच में धूम मचा दी। मुख्य मंच में भरथरी गायिका श्रीमती रेखा जलक्षत्री, सृजन लोककला मंच तिहार के विजय चन्द्राकर की टीम, रंग-तरंग लोककला मंच तारा साहू, स्वरागिनी डांस ग्रुप रतनपुर से आये थर्ड जेंडर द्वारा 21 मिनट फिल्मी गीतों की नॉन स्टाप प्रस्तुति देखकर लोग खुशनुमा माहौल में झूम उठे। वहीं इंडियन रोलर बैंड ने मंच में एक नया आभा दिखाने का प्रयास किया।

मंच का मुख्य आकर्षण भूपेंद्र साहू कृत रंग सरोवर की प्रस्तुति रही। टीम द्वारा छत्तीसगढ़ की तीज त्यौहारों में गए जाने वाले लोकगीत और पारम्परिक संगीत की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया। साथ ही पारंपरिक छत्तीसगढ़ी वाद्य यंत्रों और उनकी धुन सुनकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। रंगसरोवर द्वारा प्रेम श्रृंगार से परिपूर्ण गीत फूल झरे हँसी मोती झरे.. की मंच में लोक कलाकारों द्वारा फिल्मांकन ने दर्शकों को दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया। साथ ही भावपूर्ण प्रस्तुति देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए। पारंपरिक वेशभूषा में कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी।

इसी प्रकार सृजन लोककला मंच तिहार के विजय चन्द्राकर की टीम ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति से परिपूर्ण मनोहारी नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में गाने के साथ म्यूजिक धुन बहुत ही आनंदित किया। सांसो की माला से सुमिरौ मै सिया राम….. ने राममय माहौल बना दिया। रंग-तरंग लोककला मंच तारा साहू और उनकी टीम द्वारा एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। देवा म देव ते…. ओम नमः शिवाय…. जैसे गीतों ने भक्तिमय माहौल बना दिया। माता कर्मा की वन्दना… तोर-मोर किरिया की बेहतरीन प्रस्तुति दी। मुख्य मंच के कार्यक्रम को देखने रात्रि तक दर्शकों की खचाखच भीड़ रही। कलाकारों का सम्मान नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, रमेश पहाड़िया, एसपी भोजराम पटेल, छाया राही, पूर्णिमा चन्द्राकर, साधना सरोज, धनमती साहू आदि ने गुलदस्ता भेंटकर किया।