क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के सामने भूपेश बघेल का कद छोटा करने में लगे है उमेश पटेल? मिटवा कर लिखा दिया दीवारों पर अपना ही नाम

रायपुर, 10 फरवरी I कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा अब छत्तीसगढ़ पहुंच चुकी है. इसको कांग्रेस के बड़े नेता और कई बड़े पार्टी के पदाधिकारी सफल बनाने की कोशिश में जुट गए है. ऐसे में जहां कांग्रेस भारत जोड़ने की तैयारी में है तो वही छत्तीसगढ़ कांग्रेस में आपसी लड़ाई ख़तम होने का नाम नहीं ले रहा है. मामला वाल रइटिंग से जुड़ा हुआ है. जहां दीवारों पर भूपेश बघेल के नाम को मिटा कर खरसिया विधायक और पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने अपना नाम लिखवा दिया। स्थानीय सूत्रों की माने तो कांग्रेस के ली लोग इसे आपसी गुटबाजी बता रहे है.

रास्ते से नाम हटवाने वाली पॉलिटिक्स


दरअसल राहुल गांधी 11 तारीख को रायगढ़ से कोरबा तक पद यात्रा करेंगे वहीं खरसिया विधानसभा क्षेत्र भी रास्ते पर पड़ेगा। ये मामला 8 तारीख से पहले से चल रहा है.जब भारत जोड़ो न्याय यात्रा की एंट्री रायगढ़ में हुई तब उमेश पटेल के समर्थकों द्वारा राहुल गांधी की 8 तारीख की सभा से पूर्व देवेंद्र के नाम पर कालिख पोत दी. वहीं देवेंद्र के नाम के नीचे उमेश पटेल का नाम लिख दिया। यात्रा को लेकर देवेंद्र यादव ने रायगढ़ उड़ीसा बॉर्डर से रामानुजगांज झारखंड बॉर्डर तक वाल राइटिंग करवाई है .

पहले विधायक अब एक्स सीएम का भी नाम मिटवा दिया


मगर मामला यही नहीं थमा शायद पार्टी में कद बड़ा करने का खेल जोरों से चल रहा है. ऐस में जहां ‘चपले’ खरसिया में राहुल सभा को संबोधित करेंगे। उस रास्ते पर देवेंद्र द्वारा कराए वाल राइटिंग पर भूपेश बघेल जिंदाबाद को मिटाकर उमेश पटेल जिंदाबाद कर दिया गया. वही जिन जगहों पर विनीत देवेंद्र यादव विधायक भिलाई नगर लिखा हुआ था इसे मिटाकर उमेश पटेल का नाम लिख दिया गया. ऐसे में जब इस मामले के बारे में हमने स्थानीय लोगों और पार्टी के कुछ लोगों से बात की तो उनका कहना था ” रेस फिर से शुरू हुई है, जो ज़्यादा दिखाई देगा उसको ज़्यादा नंबर मिलेगा, शायद ये नंबर बढ़वाने का खेल हो ?”

क्या भूपेश बघेल का कद पार्टी में छोटा करना कहते है उमेश ?


छत्तीसगढ़ में चुनवा हारने के बाद कांग्रेस पार्टी में काफी उथल पुथल देखने को मिली। ऐसे में कुछ नेता नाराज होकर पार्टी को अलविदा कहकर चले गए तो वही कुछ पर पार्टी ने ही कार्रवाई कर दी. इन सबके बीच अब आने वाले पांच सालों में कौन ज़्यादा आगे जायेगा इसकी रेस में अब सभी जुट गए है. हालांकि उमेश पटेल के युवा जोश को देखते हुए पहले उनका नाम नेता प्रतिपक्ष के लिए भी तेजी से दौड़ रहा है मगर पार्टी फिर चरणदास महंत के नाम पर मुहर लगा दी.

मगर जहां राहुल गाँधी की यात्रा की बात करें तो यहाँ कुछ अलग ही माहौल देखने को मिल रहा है. यहां उमेश पटेल अपने ही पार्टी के सीनियर लीडर और एक्स सीएम भूपेश बघेल को पीछे करने में लगे है. ये बात भी साफ़ है की जिस नेता का क्षेत्र वहां उसके ज़्यादा पोस्टर और बैनर। मगर ये नाम मिटवा कर नाम लिखने वाली पॉलिटिक्स किसके लिए फायदेमंद होगी या किसके लिए नुकसान दायक होगा ये तो आने वाले वक़्त में देखने वाली बात होगी

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