वैलेंटाइन वीक की शुरुआत हो चुकी है और इस पूरे हफ्ते को खास बनाने के लिए लोग कई रोमांटिक चीजें कर रहे हैं। डेट पर जाने से लेकर अपने पार्टनर को सरप्राइज देने तक, इन दौरान लोग कई सारी स्पेशल चीजें करते हैं। प्यार और रोमांस की बात हो और सेन्टेड कैंडल्स (Scented Candles) का जिक्र न हो, ऐसा तो मुमकिन ही नहीं है। अक्सर डेकोरेशन के दौरान उसे रोमाटिंक बनाने के लिए लोग खुशबू वाली मोमबत्तियों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, आपका मूड बेहतर करने वाली यह कैंडल्स आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं। आइए जानते हैं कैसे-
खुशबू वाली मोमबत्ती का प्रभाव
सुगंधित मोमबत्तियां वोलेटाइल कार्बनिक कंपाउंड या वीओसी नामक केमिकल रिलीज करती हैं, पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) के अनुसार, जो सेहत पर अल्पकालिक और दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। एक अध्ययन में छह प्रकार की जली हुई और बिना जली हुई मोमबत्तियों से निकलने वाले वीओसी का विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि सुगंधित मोमबत्तियां बिना जले होने पर भी वीओसी रिलीज करती हैं और एक बार जलाने के बाद ज्यादा मात्रा में विभिन्न केमिकल निकलते हैं।
कितनी सुरक्षित खुशबू वाली मोमबत्ती
वीओसी कई घरेलू चीजों में पाए जाते हैं, जिनमें पेंट, क्लीनिंग प्रोडक्ट्स और फ्यूल्स शामिल हैं और मनुष्य नियमित रूप से इनके संपर्क में आते हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या सुगंधित मोमबत्तियां नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में वीओसी उत्पन्न करती हैं? इस बारे में किए गए एक अध्ययन में लैब में सुगंधित मोमबत्तियां जलाए जाने पर वीओसी प्रोडक्शन की जांच की गई। इस दौरान यह पाया गया कि सामान्य रूप में इस्तेमाल की गई मोमबत्ती से निकलने वाले केमिकल की मात्रा मनुष्यों के लिए स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं थी।
किन लोगों के सुगंधित मोमबत्तियों से बचना चाहिए?
आमतौर पर खुशबू वाली मोमबत्तियां आपकी सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाती है, लेकिन बुजुर्गों, एलर्जी, अस्थमा, कैंसर, हार्ट डिजीज या कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को सुगंधित मोमबत्तियों से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सुगंधित मोमबत्तियां अस्थमा अटैक और एलर्जी रिएक्शन्स को ट्रिगर कर सकती हैं। साथ ही ये सीओपीडी या सांस लेने में समस्या पैदा कर सकती हैं।
कौन-सा कैंडल वैक्स ज्यादा सुरक्षित?
पैराफिन वैक्स
ज्यादातर मोमबत्तियां पेट्रोलियम के बाय-प्रोडक्ट पैराफिन वैक्स से बनाई जाती हैं। नेशनल कैंडल एसोसिएशन के अनुसार, पैराफिन आज सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला कैंडल वैक्स है। यह वैक्स हानिकारक केमिकल के संपर्क को बढ़ा सकता है। कुछ आंकड़े बताते हैं कि पैराफिन वैक्स से बनी मोमबत्तियां बड़ी मात्रा में वीओसी रिलीज करती हैं। मोमबत्ती में मौजूद ये सुगंध, वीओसी सभी रेस्पिरेटरी डिजीज को ट्रिगर कर सकते हैं और सांस लेने में समस्या पैदा कर सकते हैं। वीओसी, जैसे एसीटोन बेंजीन और टोल्यूनि, अस्थमा और एलर्जी वाले लोगों के लिए हानिकारक हैं।
नेचुरल वैक्स
इसके विपरीत नेचुरल वैक्स से बनी मोमबत्तियां कम हानिकारक केमिकल रिलीज करती हैं। नेचुरल वैक्स में मधुमक्खी का मोम, सोया, पाम मोम, स्टीयरिन (वनस्पति या पशु फैट और तेल से बना) और नारियल वैक्स शामिल हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि पैराफिन मोमबत्तियों की तुलना करने वाले स्टीयरिन मोमबत्तियां कम धुएं के पार्टिकल रिलीज करती हैं। इसी तरह, एक अन्य अध्ययन में सोया मोमबत्तियां पैराफिन की तुलना में कम कालिख पैदा करती हैं। इससे पता चलता है कि नेचुरल वैक्स मोमबत्तियां कम टॉक्सिक होती हैं।
सुगंधित मोमबत्तियां और पालतू जानवर
इंसानों की तरह पालतू जानवर भी हवा में रिलीज हुई गंध और केमिकल के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। पालतू जानवर हमसे छोटे होते हैं और उनकी सूंघने की क्षमता भी हमसे ज्यादा होती है। ऐसे में अच्छे वेंटिलेशन वाले घर में खुशबू वाली मोमबत्तियों का इस्तेमाल करना ठीक है। हालांकि, असेंशियल ऑयल से बनी मोमबत्तियां कुत्तों के लिए जहरीली हो सकती हैं, अगर यह इस खा लें। साथ ही सुगंधित मोमबत्तियों से निकलने वाला धुआं कुत्ते या बिल्ली में रेस्पिरेटरी समस्याओं या एलर्जी को बदतर बना सकता है। ऐसे में कोशिश करें कि पैराफिन वैक्स की जगह नेचुरल वैक्स से बचें। सुगंधित मोमबत्तियों से होने वाली परेशानियों के कुछ लक्षण, जो आपके पालतू जानवर में नजर आ सकते हैं, उनमें निम्न शामिल हैं:-
- छींक आना
- उल्टी छींक
- नाक बहना
- नम आंखें
- लाल आंखें
- खांसना
- अत्यधिक हांफना
- अपने चेहरे पर पंजा मारना या रगड़ना
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