रायपुर । सिंधी समाज के गौरव लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा से न केवल देश बल्कि विदेशों में रहने वाले सिंधी समुदाय में हर्ष की लहर है। राष्ट्रीय सिंधी मंच की संस्थापक अध्यक्ष डॉ सपना कुकरेजा और राष्ट्रीय प्रवक्ता हीरा मोटवानी ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए आगे कहा कि यह आडवाणी के संघर्ष , पार्टी के प्रति निष्ठा एवं कड़ी मेहनत का सम्मान है ।
उल्लेखनीय है कि आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को कराची में हुआ था. वो कराची के पारसी इलाके जमशेद क्वार्टर में रहा करते थे. उनकी प्रारंभिक पढ़ाई वहाँ के मशहूर सेंट पैट्रिक स्कूल में हुई थी.विभाजन के एक महीने बाद सितंबर, 1947 में आडवाणी कराची से दिल्ली के लिए रवाना हुए. वो उन गिने चुने शरणार्थियों में शामिल थे जो ब्रिटिश ओवरसीज़ कॉरपोरेशन के विमान से दिल्ली पहुंचे थे. श्री आडवाणी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत राजस्थान से की थी. सन 1957 के चुनाव के बाद दीनदयाल उपाध्याय के अनुरोध पर आडवाणी दिल्ली आए.तब उनको नवनिर्वाचित सांसद अटल बिहारी वाजपेयी के साथ कार्य करने को कहा गया ताकि वो अंग्रेज़ी बोलने वाले दिल्ली के अभिजात वर्ग के बीच अपनी पैठ बना सके. आडवाणी तब वाजपेयी के 30 राजेंद्र प्रसाद रोड स्थित उनके निवास पर उनके साथ रहने लगे ।
1990 में आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या तक की रथ यात्रा ने राम मंदिर के मुद्दे को भारतीय राजनीति के केंद्र बिंदु में ला दिया। इसमें कोई संदेह नहीं कि हिंदुओं के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पृष्ठभूमि में हो रही रथ यात्रा के कारण उसे देखने और उसमें भाग लेने बहुत बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए लेकिन उस यात्रा में आडवाणी की उपस्थिति ने उस आंदोलन को वो वैधता प्रदान की जो इससे पहले कभी देखी नहीं गई थी.।
राष्ट्रीय सिंधी मंच के समस्त पदाधिकारियों ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न की घोषणा पर प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी , गृहमंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को धन्यवाद प्रेषित किया है । और साथ ही लालकृष्ण आडवाणी जी को इस सम्मान के लिए हार्दिक बधाई देते हुए उनके स्वस्थ एवं उज्जवल भविष्य की कामना की है ।
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