जगदलपुर,03 फरवरी । छत्तीसगढ़ के बस्तर के नक्सल क्षेत्र में सेंध लगाते हुए वहां लोकतंत्र के यज्ञ की तैयारी सुरक्षा बल की ओर से की जा रही है। छत्तीसगढ़ के तेलंगाना-आंधप्रदेश के सीमा से लगे क्षेत्र दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का गढ़ माना जाता है। अभी हुए विधानसभा चुनाव में नक्सलियों की ओर से इस क्षेत्र में भाजपा का तीव्र विरोध देखने को मिला। भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर डर का वातावरण बनाने का प्रयास किया गया।
नक्सलियों के इस प्रभाव क्षेत्र में बीजापुर व कोंटा विधानसभा सीट आती है, दोनों ही सीट भाजपा को करीबी अंतर से गंवानी पड़ी है। अब प्रदेश में भाजपा को सत्ता की कमान मिलते ही एक माह के भीतर 11 सुरक्षा बल के कैंप की स्थापना ने नक्सलियों के इस गढ़ को भेदने का मार्ग प्रशस्त कर दिया गया है।
बीजापुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के वाहन को कुछ वर्ष पहले नक्सलियों ने विस्फोट से उड़ाया था, तब वे बच गए थे। गागड़ा कहते हैं कि विधानसभा चुनाव के पहले बस्तर में नक्सलियों ने भाजपा नेताओं को लक्षित कर हत्या की। विधानसभा के अंदरूनी क्षेत्र में भाजपा को प्रचार नहीं करने दिया गया।
इसके बाद भी नगरीय क्षेत्र में भाजपा को भारी बहुमत मिला, पर नक्सलियों के दबाव में अंदरूनी क्षेत्र में हुए मतदान ने चुनाव को प्रभावित किया है। कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि यह सब किनके इशारे पर हो रहा था। वे मानते हैं कि डबल इंजन की सरकार में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर में शांति की स्थापना शीघ्र कर ली जाएगी।
40 वर्ष बाद नक्सलतंत्र पर कसा नकेल
बस्तर में नक्सलियों के सबसे ताकतवर गढ़ में 40 वर्ष बाद नक्सलतंत्र पर नकेल कसी जा रही है, जहां 1980 से नक्सलियों का कब्जा था। नक्सलियों का शीर्ष नेतृत्व छत्तीसगढ़ में नक्सल आंदोलन का संचालन यहीं से करता था। सुरक्षा बल ने पिछले डेढ़ माह में सुकमा जिले में नक्सल संगठन दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी के ताकतवर गढ़ पड़िया, मूलेर, सातालोंग, मुर्कराजबेड़ा व दुलेड़ के बाद टेकुलगुड़ेम में कैंप खोलकर यहां किस्टाराम भद्राचलम राजमार्ग को खोल दिया है। बीजापुर में पश्चिम बस्तर डिविजन कमेटी के गढ़ में डुमरीपालनार, पालनार, चिंतावागु, मुतवेंडी व कावड़गांव में पहली बार सुरक्षा बल पहुंच सकी है।
मुख्यमंत्री कह चुके तेज होगा अभियान
प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने टेकुलगुड़ेम हमले के बाद कहा है कि नक्सलियों से सख्ती से निपटा जाएगा। अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैंप खोलकर नक्सलवाद के समूल सफाया करने की बात उन्होंने कही है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी कहा है कि नक्सली हथियार छोड़ेंगे तभी वार्ता होगी, वरना नक्सलियों के विरुद्ध कड़ाई से अभियान चलाया जाएगा।
2023 में नक्सलियों ने की थी भाजपा नेताओं की हत्या
- 5 फरवरी, नीलकंठ कक्केम, बीजापुर
- 10 फरवरी, सागर साहू, नारायणपुर
- 11 फरवरी, रामधर अलामी, दंतेवाड़ा
- 29 मार्च, रामजी डोडी, नारायणपुर
- 21 जून, अर्जुन काका, बीजापुर
- अक्टूबर, बिरझु तारम, राजनांदगांव
- 4 नवंबर, रतन दुबे, नारायणपुर
- 9 दिसंबर कोमल मांझी, नारायणपुर
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