इंद्रावती टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या घटने के बाद फिर से होगी गणना, देहरादून से आएंगे वाइल्ड लाइफ एक्‍सपर्ट

रायपुर,11 जनवरी l इंद्रावती टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में पिछड़ने के बाद फिर से गणना करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यह गणना 15 जनवरी से शुरू हो सकती है। इसके लिए विशेष तौर पर वाइल्ड लाइफ देहरादून के विशेषज्ञों की टीम आएगी। अधिकारियों के अनुसार गणना फरवरी के अंतिम सप्ताह तक होगी। इसके लिए जहां बाघ विचरण करते हुए दिखा है, उन स्थानों पर ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। जंगल के अंदर में भी कैमरे लगाए जाएंगे। अधिकारियों ने सुरक्षा को देखते हुए यह बताने से इन्कार कर दिया कि कुल कितने कैमरे लगाए जा रहे हैं। वर्ष 2022 की गणना में इंद्रावती टाइगर रिजर्व में छह बाघ होने की पुष्टि नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथारिटी (एनटीसीए) की रिपोर्ट में हुई है।

वहीं अब यहां एकमात्र बाघ होने का ही प्रमाण मिला है। एकाएक बाघों की संख्या घटने से अधिकारी चिंतित हैं। हालांकि उनका दावा है कि टाइगर रिजर्व में एक से अधिक बाघ हैं क्योंकि इसका क्षेत्र महाराष्ट्र से लगा हुआ है।, जहां घना जंगल है। इस कारण बाघ इधर से उधर होते रहते हैं। अब गणना और एनटीसीए की जिस दिन रिपोर्ट आएगी, तभी सच्चाई से पर्दा उठेगा।

छत्‍तीसगढ़ में 2014 में थे 46 बाघ

2014 की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ के तीन टाइगर रिजर्व अचानकमार, उदंती-सीतानदी और इंद्रावती में 46 बाघ हुआ करते थे, मगर 2018 की गणना में बाघों की संख्या घटकर सिर्फ 19 रह गई थी। 2022 में यह संख्या 17 हो गई थी। बता दें कि एनटीसीए हर चार साल में बाघों की संख्या का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट जारी करता है। पिछले सालों के आंकड़े देखें तो प्रदेश में बाघों की संख्या निरंतर कम हो रही है जबकि प्रदेश में बाघों पर हर साल लगभग 60 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।

गणना के लिए 70 से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण

बाघ की गणना के लिए 70 से अधिक वनकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके अलावा रिजर्व क्षेत्र के 20 से 25 गांव के 50 युवाओं को भी ट्रेनिंग में शामिल किया जा रहा है। यानी टीम एक फार्मूला पर काम करेगी, जिसके मुताबिक बाघ की दहाड़ के इलाके, पंजों के निशान का पता लगाया जाएगा। बाघ होने के संभावित क्षेत्रों में 21 दिनों तक कैमरा लगाकर गणना की जाएगी। इंद्रावती टाइगर रिजर्व के संचालक राजेश कुमार पांडेय ने कहा, इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 15 जनवरी से बाघों की गिनती शुरू हो रही है। इसमें स्थानीय ग्रामीणों की भी मदद ली जाएगी। 2022 की एनटीसीए रिपोर्ट में छह बाघ होने की पुष्टि हुई थी।