शिवपुरी। शिवपुरी की शिव शक्ति नगर कालोनी निवासी एक साफ्टवेयर इंजीनियर के साथ साफ्टवेयर बेचने के नाम पर सायबर ठगों ने 21 लाख रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दिया। पीड़ित ने जब साफ्टवेयर कंपनी से संपर्क करने का प्रयास किया तो उसके सारे कान्टेक्ट इंटरनेट मीडिया से गायब हो गए। बैंक प्रबंधन भी साफ्ट वेयर इंजीनियर की स्वीकृति के बिना उसे प्रदान किए गए ऋण के मामले से अब पल्ला झाड़ रहे हैं। इंजीनियर के पिता ने मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक को दर्ज करा कर मामले की पड़ताल कर इस सायबर ठगी का खुलासा करने की मांग की है।
कंपनी से किया था आनलाइन संपर्क
जानकारी के अनुसार शिव शक्ति नगर कालोनी निवासी शिक्षक नगेंद्र रघुवंशी का बेटा नितांत रघुवंशी दिल्ली में साफ्टवेयर इंजीनियर है। वह अपने घर शिवपुरी आया था। इस दौरान उसे उसके काम के लिए एक साफ्टवेयर की आवश्यकता पड़ी। यह साफ्टवेयर खरीदने के लिए उसने पुणे की कंपनी आरएक्स एसोसिएट को आन लाइन संपर्क किया। कंपनी प्रबंधन द्वारा साफ्टवेयर खरीदने के लए उसके मोबाइल पर भेजी गई लिंक पर उसने क्लिक किया। साफ्टवेयर खरीदने के लिए 33 हजार रुपये का आन लाइन पेमेंट किया।
नितांत को साफ्टवेयर तो नहीं मिला, लेकिन उसके आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई बैंक, चार क्रेडिट कार्ड आदि की पूरी कुंडली सायबर ठगों के पास पहुंच गई। सायबर ठगों ने सबसे पहले नितांत के खाते में जमा दो लाख से अधिक रुपये गायब किए। इसके बाद उसके आईसीआईसीआई बैंक और चार क्रेडिट कार्ड से प्री अप्रूव लोन तथा एसबीआई बैंक से अप्रूव पर्सनल लाेन सहित सभी लोन उसके खातों में मंगवाया। इसके बाद उन सभी रुपयों को छह ट्रांजेक्शन के माध्यम से दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लिया गया।
कान्टेक्ट इंटरनेट मीडिया से गायब
नितांत के अनुसार बैंकों ने यह सारे लोन उसकी सहमति के बिना ही खातों में डाले। नितांत के अनुसार अब बैंक प्रबंधन कह रहे हैं कि पैसा आपके खाते में आया है इसलिए हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। नितांत के पिता ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर मामले की जांच कर खुलासे की गुहार लगाई है। वहीं दूसरी ओर जब नितांत ने कंपनी से संपर्क का प्रयास किया तो उसकी भी सारी डिटेल्स और कान्टेक्ट इंटरनेट मीडिया से गायब हो गए हैं।
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