पूर्व में प्रकाशित एक लेख व्यायाम दिमाग को जवान रख सकता है, हमने चर्चा की थी कि व्यायाम हमारे मस्तिष्क को युवा रखता है। उसमंस यह भी बात हुई थी कि नियमित व्यायाम और उचित आहार मस्तिष्क को युवा रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं; ठीक उसी तरह जैसे कोई नई भाषा सीखने या कोई वाद्य यंत्र बजाना सीखने की प्रवृत्ति।
हाल ही में युनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन के जे. एम. ब्लोडेट और उनके साथियों ने युरोपियन हार्ट जर्नल में एक अध्ययन प्रकाशित किया है जिसके अनुसार वयस्कों में मृत्यु का प्रमुख कारण हृदय और रक्त-परिसंचरण सम्बंधी रोग हैं। दुनिया भर के 15,000 से अधिक लोगों का अध्ययन करने के बाद उनका सुझाव है कि मध्यम से द्रुत गति की गतिविधि फायदेमंद होती है। इनमें दौड़ना, तेज़ी से सीढ़ियां चढ़ना और लगभग एक घंटे तक फुर्तीला व्यायाम करना जैसी साधारण गतिविधियां शामिल हैं। हममें से बहुत से लोग ऑफिस में काम के दौरान पूरा दिन अपनी मेज़ पर बैठे रहते हैं, और फिर घर पर टीवी देखते या लैपटॉप का उपयोग करते समय भी। इसलिए हमारे हृदय और स्वास्थ्य में सुधार के लिए उपरोक्त आसान गतिविधियों के अलावा खेल या तैराकी करना भी उपयोगी होगा। इसके अलावा ‘कार्यात्मक भोजन’ (जिनका उल्लेख पिछले लेख कार्यात्मक खाद्य पदार्थों के स्वास्थ्य लाभ में किया गया था) भी हमारे हृदय और स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
अच्छी नींद
न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया युनिवर्सिटी के शोधकर्ता बताते हैं कि अच्छी नींद भी हमारे दिल के लिए अच्छी है। एकाग्रता, नया सीखने और याददाश्त जैसे संज्ञानात्मक कौशल को बरकरार रखने में नींद मदद करती है। वहीं उचटती (या अल्प या खराब) नींद अपेक्षाकृत मामूली तनावों से भी निपटना अधिक मुश्किल बना सकती है और दुनिया को सटीक रूप से समझने की हमारी क्षमता को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, रोचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ता बताते हैं कि नींद वयस्क मस्तिष्क से चयापचय सफाई को प्रेरित करती है; दूसरे शब्दों में, यह तंत्रिका-विष कचरे (जैसे बीटा-एमिलॉयड नामक प्लाक जो मस्तिष्क की विभिन्न कोशिकाओं के बीच संचार को बाधित करता है) को हटा देती है जो दिन भर की गहमा-गहमी के दौरान जमा हो जाते हैं।
हम वयस्कों को हर रात लगभग सात घंटे की नींद की ज़रूरत होती है। तो लाइट बंद कर दें, किताब पढ़ना बंद कर दें, टीवी बंद दें और अपने सेलफोन को साइलेंट मोड में रख दें, और विषाक्त पदार्थों की सफाई होने दें। और यदि हम सेवानिवृत्त लोग दोपहर के भोजन के बाद सोते हैं, तो हमें लगभग एक घंटे ही सोना चाहिए और फिर तेज़ चाल में सीढ़ियां चढ़ना चाहिए और एक या दो घंटे व्यायाम करना चाहिए। जो लोग खेल खेलते हैं वे शाम को भी ऐसा कर सकते हैं।
सोते समय, कौन-सी शारीरिक-स्थिति (मुद्रा) आपके लिए सबसे अच्छी है? इस बारे में स्लीप हेल्थ नामक वेबसाइट निम्नलिखित सलाह देती है। दाईं करवट सोएं या बाईं करवट – यह आपकी सहूलियत पर निर्भर करता है। पीठ के बल सोने की बजाय करवट लेकर सोने से संभवत: दर्द से राहत मिल सकती है, खर्राटे भरने (और दूसरों की नींद में खलल डालने) का खतरा कम हो सकता है, और पीठ दर्द को कम करके रीढ़ की हड्डी के सीधे होने में सुधार हो सकता है। यह मस्तिष्क से कचरे (बीटा एमिलॉयड) को तेज़ी से हटाने में मदद करता है। किस करवट सोना है यह आपकी मर्ज़ी है। लेकिन गर्दन के दर्द, जकड़न और सिरदर्द को कम करने के लिए अपनी बांह का नहीं बल्कि तकिये का उपयोग करें। गद्दे का उपयोग करना भी मददगार होता है। यह पीठ, गर्दन, रीढ़ और पैरों को पर्याप्त सहारा देता है। तो स्वस्थ नींद लें और अच्छे सपने देखें – सात घंटे! (स्रोत फीचर्स)
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