अरिजीत सिंह बॉलीवुड में आज के दौर के सबसे बड़े सिंगर्स में गिने जाते हैं। उनका हर गाना हिट होने की गारंटी देता है। हाल ही रिलीज हुई फिल्म एनिमल में भी अरिजीत सिंह ने सतरंगा गाने को अपनी आवाज दी है, जो काफी पसंद किया जा रहा है। बॉलीवुड में पिछले कुछ समय से गानों के ऑटो ट्यून का चलन बढ़ता चला जा रहा है। जिसे लेकर अरिजीत सिंह ने अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में खुलकर बात की है। सिंगर ने बताया कि बॉलीवुड में कौन से म्यूजिक डायरेक्टर्स हैं, जिनका काम बिना ऑटो ट्यून नहीं चलता।
ऑटो-ट्यून सिंगर नहीं बनाता
अरिजीत सिंह ने यूट्यूब चैनल द म्यूजिक पॉडकास्ट के साथ बातचीत में कहा कि ऑटो ट्यून करने से कोई सिंगर नहीं बन जाता है। सिंगर ने कहा, “ऑटो-ट्यून किसी नॉन सिंगर को सिंगर नहीं बना सकता है। ऐसा नहीं है कि आप कुछ भी गाएं, ऑटो-ट्यून लगाएं और ऐसा लगेगा जैसे ये धुन में है। ये संभव नहीं है।
एआर रहमान ने की शुरुआत
अरिजीत सिंह ने एआर रहमान का जिक्र करते हुए कहा, जब लोग असल में रहमान के गाने सुनना पसंद करते थे, तब दरअसल, वो ही थे जिन्होंने बहुत ही सटीक तरीके से ऑटो-ट्यून का उपयोग करना शुरू कर दिया था, इस तरह बहुत सारे गायक सुनने में अच्छे लगने लगे।”
कब पड़ती है ऑटो ट्यून की जरूरत ?
उन्होंने आगे बताया, “जब कोई सिंगर गाता है, तो वे इमोशन से गाता है और जब वो इमोशन से गाता है, तो ये कभी भी परफेक्ट नहीं होता है, वे सुर से थोड़ा ऊपर-नीचे हो जाता है। सोनू निगम को छोड़कर ज्यादातर सिंगर के साथ ऐसा होता है। मुझे लगता है सोनू सुर से बाहर नहीं जा सकते हैं। जो टेक इमोशनली अच्छे लगते हैं, वो ट्यून पर थोड़ा लड़खड़ाते हैं, तो हम उनमें बदलाव करना शुरू करते हैं और जहां तक ठीक लगते हैं वहां तक थोड़ा बहुत (ऑटो ट्यून) इस्तेमाल करते हैं।”
म्यूजिक डायरेक्टर्स के खोले राज
अरिजीत सिंह ने आगे कहा कि किसी गाने में ऑटो-ट्यून जोड़ना खाने में नमक डालने जैसा है और विदेशों में इसका इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। सिंगर ने आगे कहा, “कुछ म्यूजिक डायरेक्टर्स को ये बिल्कुल पसंद नहीं है जैसे मिथुन शर्मा, और विशाल भारद्वाज। एआर रहमान भी अब ऐसा नहीं करते हैं, पहले वो करते थे। अब उनके पास जो भी आवाज है वो उसके साथ काम चलाते हैं। प्रीतम के गानों में हमेशा ऑटो ट्यून होता है, ताकि सुनने में अच्छा लगे।”
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