नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने युवाओं से भारत और उसके संस्थानों की छवि खराब करने के लिए कुछ ताकतों द्वारा फैलाई जा रही झूठी कहानी को ठोस तर्क के साथ विफल और बेअसर करने का आह्वान किया। श्री धनखड़ ने कहा कि कुछ ताकतें भारत की तरक्की को पचा नहीं पा रही हैं और वे अजीबोगरीब कारण से देश के बारे में ऊटपटांग के आख्यान फैलाने में लगी हैं।
उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में शिक्षकों और छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, इस बात पर खेद भी जताया कि आज ऐसी बातें फैलायी जा रही है कि देश के प्रतिष्टित आईआईटी केवल उच्च वर्ग की सेवा के लिए हैं। उन्होंने कहा, मैं निश्चित रूप से जानता हूं कि आईआईटी में गांव के लोग आते हैं, साधारण पृष्ठभूमि के लोग आते हैं, ऐसे लोग जिन्होंने बड़ी मुश्किल से इसे बनाया है, लेकिन आज बाहरी दुनिया के मन में इनकी अलग छवि बनाने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश केवल योग्यता और योग्यता के आधार पर होता है।
उन्होंने कहा कि असमानताओं को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत को दुनिया के समने वर्तमान समय की चुनौतियों के लिए समस्या समाधानकर्ता के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने युवाओं से बड़े सपने देखने, निर्णायक ढंग से सोचने और असफलताओं से कभी न डरने का आग्रह किया उन्होंने यह भी कहा किआर्थिक राष्ट्रवाद हमारे देश के विकास के लिए मौलिक आवश्यकता है। श्री धनखड़ ने कहा, कुछ अजीब कारणों से, हमारी वृद्धि कुछ लोगों को पच नहीं रही है।
कुछ लोग तो यहां तक कह सकते हैं कि पाकिस्तान का भूख सूचकांक भारत से बेहतर है। कल्पना कीजिए कि वे कितनी दूर तक जा सकते हैं। उनकी कुछ समस्याएं हैं जिन्हें आईआईटी जैसे संस्थानों को यह पहेली हल करनी चाहिए कि भारत की तरक्की को लेकर कुछ लोगों का हाज़मा खराब क्यों है।
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